मुखवा में बारह महीने होती है गंगा मां की पूजा-अर्चना, PM Modi ने यही की 20 मिनट साधना
PM Modi Uttarakhand Visit प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज उत्तराखंड के मुखवा गांव में स्थित गंगा मंदिर में पूजा-अर्चना की। मुखवा गांव मां गंगा का शीतकालीन प्रवास स्थल है। यहां साल भर मां गंगा की पूजा-अर्चना होती है। गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने के बाद मां गंगा की भोग मूर्ति को शोभा यात्रा के साथ मुखवा स्थित गंगा मंदिर में लाया जाता है।

अजय कुमार, जागरण उत्तरकाशी। PM Modi Uttarakhand Visit: पतित पावनी मां गंगा की पूजा-अर्चना चारधामों में प्रमुख गंगोत्री धाम में भले ग्रीष्मकाल के छह माह होती हो, लेकिन उनके शीतकालीन प्रवास स्थल मुखीमठ याने कि मुखवा गांव में मां गंगा की पूजा-अर्चना बारह माह होती है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को इसी गांव में स्थित गंगा मंदिर में मां गंगा की पूजा-अर्चना की।
जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से करीब 80 किमी की दूरी पर गंगोत्री हाईवे पर स्थित हर्षिल से मुखवा गांव करीब 3 किमी की दूरी पर स्थित है। जो कि अनादि काल से मां गंगा का शीतकालीन प्रवास स्थल है। आदि गुरु शंकराचार्य ने जिन चार मठों की स्थापना की थी, उनमें से एक मुखीमठ अर्थात मुखवा गांव माना जाता है।
गंगोत्री धाम के तीर्थपुरोहित भी मुखवा गांव से आते हैं। ग्रीष्मकाल में अक्षय तृतीया के पर्व पर जब गंगोत्री धाम के कपाट देश-विदेश के श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोले जाते हैं तो उनकी भोग मूर्ति उनके शीकालीन प्रवास स्थल मुखवा गांव स्थित गंगा मंदिर से ही धाम के लिए रवाना होती है, जिसे गांव के ग्रामीण बेटी की तरह विदा करते हैं। फिर जब शीतकाल में गंगोत्री धाम के कपाट बंद होते हैं तो मां गंगा की भोग मूर्ति को शोभा यात्रा के साथ मुखवा स्थित गंगा मंदिर में लाया जाता है।
श्री पांच गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष धर्मानंद सेमवाल बताते हैं कि ग्रीष्मकाल में जब मां गंगा की भोगमृर्ति गंगोत्री धाम के लिए रवाना हो जाती है तो उसके बाद भी मुखीमठ में यहां मां गंगा की पाषाण मूर्ति की पूजा अनवरत नित्यक्रम से चलती रहती है।
आकर्षित करते हैं परंपरागत शिल्प से तैयार लकड़ी के घर
मुखवा गांव में परंपरागत शिल्प से तैयार लकड़ी के घर आकर्षण का केंद्र हैं। पीएम मोदी के आगमन के लिए यहां सभी घरों की छतों को एक जैसे लाल रंग में रंगा गया है। गांव के बीच स्थित गंगा मंदिर पर भी रंगरोगन व सौंदर्यकरण कर सजाया गया है। इस गांव से हर्षिल घाटी का भी सुंदर नजारा दिखाई देता है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता भी देखने लायक है। वर्तमान में गांव की आबादी 1700 से 1800 के मध्य है।
एक दिन में दो बार होती है आरती व पूजा
मुखवा स्थित गंगा मंदिर में गंगोत्री धाम की तर्ज पर प्रति दिन दो बार गंगा मां की आरती व पूजा किया जाता है। सुबह 9 से 11 बजे के मध्य पहली पूजा व आरती होती है। इसके बाद दिनभर श्रद्धालु मां गंगा के दर्शन कर सकते हैं, जिसके बाद शाम 7:30 से 8 बजे के मध्य पूजा व आरती की जाती है।
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