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उत्तरकाशी: कल तक पूरी होगी जिला पंचायत में वित्तीय अनियमितताओं की जांच, ये लगे हैं आरोप

जिला पंचायत उत्तरकाशी में वित्तीय अनिमितताओं को लेकर पिछले पांच दिनों से जांच चल रही है जिसके कल तक पूरा होने की उम्मीद है। टीम गहनता से निर्माण और वित्तीय दस्तावेज खांगाल रही रही है। सोमवार तक जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी जाएगी।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sun, 22 Nov 2020 12:01 PM (IST)Updated: Sun, 22 Nov 2020 12:01 PM (IST)
उत्तरकाशी: कल तक पूरी होगी जिला पंचायत में वित्तीय अनियमितताओं की जांच।

उत्तरकाशी, जेएनएन। जिला पंचायत उत्तरकाशी में वित्तीय अनिमितताओं को लेकर पिछले पांच दिनों से जांच चल रही है, जिसके कल तक पूरा होने की उम्मीद है। टीम गहनता से निर्माण और वित्तीय दस्तावेज खांगाल रही रही है। इस टीम में शामिल मुख्य विकास अधिकारी प्रवेश चंद्र डंडरियाल ने कहा कि अलग-अलग योजनाओं में निर्माण संबंधित दस्तावेजों के अलावा वित्तीय दस्तावेज, आहरण वितरण के दस्तावेजों को देखा जा रहा है। सोमवार तक जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी जाएगी। फिलहाल, जांच में क्या-क्या खामियां मिली हैं अभी वो ये बताने में सक्षम नहीं हैं। वहीं, जिला पंचायत पर अनियमितताओं का आरोप लगाने वाले जिपं सदस्यों ने एसआइटी से जिला पंचायत के कार्यों और वित्तीय अनियमितताओं की जांच कराने की मांग उठाई है। एसआइटी जांच की मांग करने वाले जिला पंचायत के दस सदस्य हैं। 

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गौरतलब है कि जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह ने गत तीन नवंबर 2020 को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत को जिला पंचायत उत्तरकाशी में वित्तीय अनियमितताओं के संबंध में पत्र दिया था। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने शिकायती पत्र में दी गई अनियमितता को गंभीर माना। साथ ही गढ़वाल आयुक्त को आदेश दिए कि जिला पंचायत उत्तरकाशी में वित्तीय अनियमितता का प्रकरण गंभीर प्रकृति का है। जिसमें मुख्यमंत्री ने 15 दिनों के अंतराल में इसकी विस्तृत जांच कराकर शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। इस बाबत 10 नवंबर को गढ़वाल आयुक्त ने जिलाधिकारी उत्तरकाशी को जांच सौंपी। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के निर्देश पर मुख्य विकास अधिकारी पीसी डंडरियाल और वरिष्ठ कोषाधिकारी बालक राम बीते 18 नवंबर को जिला पंचायत कार्यालय पहुंचे। 

मुख्य विकास अधिकारी ने जांच के लिए जरूरी दस्तावेज उपलब्ध कराने के निर्देश दिए तो जिला पंचायत में मौजूद अधिकारी कर्मचारी दस्तावेज उपलब्ध नहीं करा पाए। जिसके बाद मुख्य विकास अधिकारी ने जरूरी दस्तावेजों के कक्ष को सीज किया। 19 नवंबर को जांच टीम फिर जिला पंचायत कार्यालय पहुंची। जिला पंचायत कार्यालय के सील कक्ष से अपर मुख्य अधिकारी की मौजूदगी में दस्तावेज निकाले गए, जिसके बाद से लगातार जांच चल रही है।

जिला पंचायत उत्तरकाशी ये लगे हैं आरोप

  • बिना बोर्ड बैठक और शासन की स्वीकृति के 11 व्यक्तियों को जिला पंचायत में संविदा और अन्य जरिये से नियुक्त किया गया है।
  • नवंबर 2019 से लेकर अभी तक जनपद में धरातल पर कोई भी कार्य नहीं हुए हैं, जबकि जिला पंचायत की ओर से करोड़ों रुपये खर्च किए गए हैं। जिपं सदस्य हाकम सिंह ने इसकी एसआइटी जांच की मांग उठाई है।
  • मस्ट्रोल कार्य पर विभिन्न व्यक्तियों का मस्ट्रोल फर्जी ढंग से भरा जा रहा है। इन्हें दूसरे क्षेत्र के अभियंता ने प्रमाणित किया हुआ है, जिन्हें मस्ट्रोल पर कार्य करने वालों की जानकारी नहीं है।
  • बिना वित्त अधिकारी के करोड़ रुपये का आहरण किया गया।
  • लॉकडाउन से अभी तक यात्रा मार्गों पर सफाई कर्मचारियों के नाम से फर्जी भुगतान किया गया।

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