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यहां इस तरह से स्वच्छ भारत की मुहिम को गति दे रहे स्वच्छता के प्रहरी

उत्तरकाशी में छात्रों ने शहर को सुंदर बनाने का बीड़ा उठा लिया है। वे बदरंग पड़ी दीवरों को रंगकर स्वच्छ भारत की मुहिम को आगे बढ़ा रहे हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sun, 30 Sep 2018 03:04 PM (IST)Updated: Mon, 01 Oct 2018 09:03 AM (IST)
यहां इस तरह से स्वच्छ भारत की मुहिम को गति दे रहे स्वच्छता के प्रहरी
यहां इस तरह से स्वच्छ भारत की मुहिम को गति दे रहे स्वच्छता के प्रहरी

उत्तरकाशी, [शैलेंद्र गोदियाल]: चीन सीमा से लगे उत्तरकाशी जिले में जहां नौनिहाल स्कूलों की दीवारों पर स्वच्छता का संदेश देत चित्र उकेर कर स्वच्छ भारत की मुहिम को आगे बढ़ा रहे हैं, वहीं इस मुहिम से जुड़े आठ युवा स्वच्छता के प्रहरी बन विश्वनाथ की नगरी उत्तरकाशी में बदरंग पड़ी दीवारों को आकर्षक बनाने में जुटे हैं। स्वच्छता की मुहिम को गति देने के लिए ये युवा तूलिका से दीवारों पर लोक एवं आधुनिक कला को प्रतिबिंबित करती आकृतियों को उकेर रहे हैं। सुखद यह कि इन युवाओं को प्रशासन भी हौसला दे रहा है। प्रशासन अब इनसे शहर के चौराहों की खाली दीवारों और घाटों के आसपास कलाकृति बनवाने की योजना तैयार कर रहा है। 

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पीजी कॉलेज उत्तरकाशी से स्नातक इन युवाओं में शहर को सुंदर बनाने का जुनून है। अक्टूबर 2017 में इन युवाओं ने एसडीएम देवेंद्र सिंह नेगी से शहर की दीवारों को सजाने की अनुमति मांगी थी, जो उन्होंने सहर्ष दे दी। इन युवाओं ने स्वच्छता, महिला उत्पीड़न के विरोध, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान और बाल उत्पीड़न के विरोध में कई पेंटिंग दीवारों पर उकेरी। इन युवाओं में शामिल कला विषय से परास्नातक ओडाडा गजा (टिहरी) निवासी उत्तम सिंह रावत ने बताया कि सभी युवाओं ने मिलकर 'पनघा आर्ट' नाम से एक संस्था बनाई है। नागणी चिन्यालीसौड़ निवासी मुकुल बडोनी इस संस्था के संस्थापक हैं। इस टीम में मोनिका भारती (ज्ञानसू), लक्ष्मी प्रसाद (चिन्यालीसौड़), प्रीति राज (तिलोथ) और रामवीर सिंह, हिमानी व शुभम (उत्तरकाशी) शामिल हैं। 

सभी युवाओं का उद्देश्य शहर को सुंदर बनाने के साथ ही स्वच्छता से जुड़ी लोगों के मन की बात को दीवारों पर उकेरना है। ताकि शहर की हर दीवार स्वच्छता का एक सुंदर संदेश दे। उत्तम रावत बताते हैं कि अब तक 30 से अधिक स्थानों पर उनकी टीम अपनी कला के रंग बिखेर चुकी है। उन्हें रंग उपलब्ध कराने में प्रशासन पूरा सहयोग कर रहा है। संस्थापक मुकुल बडोनी बताते हैं कि अब तक बनाए गए चित्रों में छाया से प्रकाश की ओर, प्रकाश से छाया की ओर और लोक कला के साथ आधुनिक कला को भी जोड़ा जा रहा है। 

प्रोत्साहन दे बनाएंगे कला को रोजगार का जरिया 

जिलाधिकारी उत्तरकाशी डॉ. आशीष चौहान कहते हैं कि उत्तरकाशी शहर में कला वर्ग के छात्रों ने रंग रेखा और रूप का शानदार समावेश किया है। इससे शहर की दीवारें और घाट बेहद ही खूबसूरत लग रहे हैं। कहते हैं, इन युवक-युवतियों में शहर की बदरंग दीवारों को सुंदर बनाने का जुनून है। प्रशासन इन युवाओं को आगे भी प्रोत्साहित करता रहेगा। ताकि ये अपनी कला को न सिर्फ रोजगार का जरिया बना सकें, बल्कि औरों के लिए भी प्रेरणा बनें। 

इन्वेस्टर्स के लिए सजा रहे दीवार 

उत्तरकाशी के ये युवा इन दिनों अक्टूबर में प्रस्तावित इन्वेस्टर मीट (निवेश सम्मेलन) के लिए ऋषिकेश मुनिकीरेती में गंगा आरती स्थल तक जाने वाले रास्ते की दीवार को संवार रहे हैं। वह दीवार पर अलग-अलग तरह की कलाकृतियां बना रहे हैं। ताकि उधर से गुजरने वाले निवेशकों को स्वच्छता एवं सुंदरता की अनुभूति हो सके। 

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