Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    स्वच्छ सर्वेक्षण- 2019 में किए गए हैं कुछ बदलाव, जानिए

    By Raksha PanthariEdited By:
    Updated: Fri, 14 Sep 2018 04:32 PM (IST)

    स्वच्छ सर्वेक्षण 2019 में इसबार कर्इ तरह के बदलाव किए गए हैं। इस बार एप डाउनलोड करने की तारीख के साथ ही एक्टिव यूजर की संख्या के आधार पर ही अंक दिए जाएंगे।

    स्वच्छ सर्वेक्षण- 2019 में किए गए हैं कुछ बदलाव, जानिए

    देहरादून, [जेएनएन]: स्वच्छ सर्वेक्षण-2019 की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। इस बार कई इसमें कर्इ तरह के बदलाव किए गए हैं। अब तक स्वच्छता एप को आखिरी समय में डाउनलोड कराकर सर्वेक्षण में अंक हासिल कर लिए जाते थे। लेकिन इस बार एप डाउनलोड करने की तारीख के साथ ही एक्टिव यूजर की संख्या के आधार पर ही अंक दिए जाएंगे। यानि लगातार एप से शिकायत रजिस्टर होना, कार्रवाई फिर फीडबैक तक की पूरी प्रक्रिया नहीं होगी तो उसकी गणना नहीं की जाएगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    राजपुर रोड स्थित होटल में आयोजित कार्यशाला में स्वच्छ भारत मिशन के विशेषज्ञों ने जानकारी देते हुए बताया कि जहां मकान, कॉम्प्लेक्स या अन्य निर्माण कार्य हो रहे हों और वहां 25 श्रमिक कार्य कर रहे हैं तो उनके लिए एक शौचालय की व्यवस्था करनी होगी। किसी भी हालत में उन्हें खुले में शौच की अनुमति नहीं होगी। सर्वेक्षण में इनकी भी काउंटिंग की जाएगी।

    इस बार सर्वेक्षण में एक हजार अंक बढ़ाए गए हैं। जिसके बाद इन्हें पांच हजार कर दिया गया है। इन अंकों को चार भाग में बांटा है। सर्विस लेवल, डायरेक्ट ऑब्जर्वेशन, सिटीजन फीडबैक और सर्टिफिकेशन। विशेषज्ञों ने बताया कि जनता भी इसमें सीधी भागीदार बन सकती है। अगर 'स्वच्छ मंच' के जरिए जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया जाता है तो उनके लिए भी अंक मिलेंगे। 

    वहीं, स्वच्छ सर्वेक्षण में अब तक शहरों को नंबर देकर उनकी रैंकिंग तय की जाती थी, लेकिन अब स्टार रेटिंग दी जाएगी। अधिकतम सात स्टार रेटिंग पाने वाले सबसे साफ शहर होंगे और इसकी रेटिंग उल्टे क्रम में घटती जाएगी।  

    स्वच्छ सर्वेक्षण-2019 में  रैंकिंग सुधारने से ज्यादा बनाए रखने पर काम करना होगा। क्योंकि इस बार स्वच्छ सर्वे के पैरामीटर्स में शामिल स्टार रेटिंग ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं। क्योंकि स्टार रेटिंग में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पर जोर दिया गया है। इसमें डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन से लेकर गीला-सूखा कचरा पृथकीकरण और निपटान शामिल है।  

    यह भी पढ़ें: हाईकोर्ट ने साफ करवाया दून, दो दिन में 710 मीट्रिक टन कूड़े का उठान

    यह भी पढ़ें: सीएम ने हरिद्वार नगर निगम के अधिकारियों को लगार्इ कड़ी फटकार, ये है वजह

    यह भी पढ़ें: 'अंधेर' नगर निगम, 'चौपट' सफाई व्यवस्था, स्वच्छता सर्वेक्षण ने खोली पोल