Move to Jagran APP

Chardham Yatra: कच्ची पुलिया के सहारे श्रद्धालु कर रहे यमुनोत्री की यात्रा

यमुनोत्री धाम में मंदिर को जोड़ने के लिए पुलिया का निर्माण नहीं हो पाया है। ऐसे में यात्रियों को कच्ची पुलिया के सहारे मंदिर तक आवाजाही करनी पड़ रही है जो खतरे से खाली नहीं है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 10 May 2019 10:10 AM (IST)Updated: Fri, 10 May 2019 05:33 PM (IST)
Chardham Yatra: कच्ची पुलिया के सहारे श्रद्धालु कर रहे यमुनोत्री की यात्रा
Chardham Yatra: कच्ची पुलिया के सहारे श्रद्धालु कर रहे यमुनोत्री की यात्रा

उत्तरकाशी, जेएनएन। यमुनोत्री धाम में मंदिर को जोड़ने के लिए पुलिया का निर्माण अब तक नहीं हो पाया है। यह पुलिया प्रशासन के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है। जिला प्रशासन ने दावा किया था कि यमुनोत्री के कपाट खुलने से पहले ही पुलिया तैयार हो जाएगी। लेकिन, रात-दिन काम करने के बाद भी उसका निर्माण पूरा नहीं हो पाया है। ऐसे में यात्रियों को कच्ची पुलिया के सहारे मंदिर तक आवाजाही करनी पड़ रही है, जो खतरे से खाली नहीं है।

loksabha election banner

बीती जुलाई 2018 में भी आपदा आने के कारण यमुनोत्री धाम के पास यमुना नदी पर धाम को जोड़ने वाला मुख्य पैदल पुल, शौचालय, चेंजिंग रूम, काली कमली धर्मशाला की कैंटीन तथा चार कमरे, यमुनोत्री मंदिर समिति का कार्यालय, दो गेस्ट रूम, एक वीआइपी कक्ष, भंडारा कक्ष भी नदी के उफान में बह गए थे। यही नहीं, यमुनोत्री मंदिर के परिसर में इतना स्थान नहीं बचा है कि 100 श्रद्धालु परिसर में खड़े हो सकें। यहां पुनर्निर्माण के नाम पर केवल मंदिर को जोड़ने वाली पुलिया का निर्माण हो रहा है। 24 मीटर लंबे स्पान की इस पुलिया के निर्माण को लेकर प्रशासन ने दावा किया था कि पुलिया का निर्माण यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने से पहले हो जाएगा, लेकिन निर्माण में देरी और मौसम की दुश्वारियों के कारण पुलिया का निर्माण अभी पूरा नहीं हुआ है।

जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान खुद सुबह और शाम इस पुलिया के निर्माण की प्रगति का जायजा ले रहे हैं। रात के समय भी पुलिया के निर्माण कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। लोनिवि को हर हाल में 10 मई तक पुलिया का निर्माण के लिए कहा गया है। डीएम के इस आदेश के बाद जिला कंट्रोल रूम भी पुलिया के निर्माण की पल-पल की रिपोर्ट ले रहा है।

चारधाम यात्रा में फूल रहा यात्रियों का दम

चारधाम पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए स्वास्थ्य परीक्षण अनिवार्य न होने और स्वास्थ्य की लचर सेवा होने के कारण धामों के निकट पहुंचते ही अस्वस्थ श्रद्धालुओं का दम फूल रहा है। इसी कारण हर साल चारधाम को जाने वाले कई अस्वस्थ श्रद्धालु दम तोड़ देते हैं। इस बार भी अभी तक चारधाम यात्रा पर आए 2 यात्रियों की मौत हृदय गति रुकने से हुई है। उत्तरकाशी के सीएमओ डॉ. डीपी जोशी ने बताया कि जिले में स्वास्थ्य विभाग के पास जितनी मैन पावर है तथा संसाधन हैं, सभी को यात्रा पर लगाया है। हृदय रोग विशेषज्ञ न होने के कारण कुछ दिक्कतें हो रही है।

इसके लिए शासन को पत्र भेजा है। यमुनोत्री धाम से 5 किलोमीटर पहले 2700 मीटर की ऊंचाई जानकी चट्टी कस्बा है। यह यमुनोत्री धाम का बेस कैंप है। यमुनोत्री में हर रोज पांच हजार हजार यात्री आ रहे हैं। इनकी जांच का जिम्मा सिर्फ एक फिजिशियन व एक एमबीबीएस चिकित्सक के ऊपर है। हैरानी की बात तो यह है कि सरकार की ओर से जांच को अनिवार्य नहीं किया गया। 

जानकी चट्टी व आसपास के होटलों में भी प्रचार प्रसार की कोई व्यवस्था नहीं की गई। जबकि यात्रियों को बड़कोट से ही हार्टअटैक के कारण और उसके बचाव की जानकारी दी जानी चाहिए थी। पूरे यात्रा रूट पर कोई जागरूकता की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। केवल जानकी चट्टी में एक स्वास्थ्य कैंप बस जागरूकता के नाम पर है। जहां कुछ यात्री जांच करा रहे हैं। एक दिन में जांच कराने वाले यात्रियों की संख्या 100 से अधिक पार नहीं कर रही है। यमुनोत्री धाम में एक चिकित्सक तैनात है, लेकिन यहां संसाधनों का घोर अभाव है। पैदल मार्ग पर स्वास्थ विभाग की टीम तैनात नहीं की गई।

इसी तरह का हाल गंगोत्री मार्ग पर है यहां भी कोई विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती नहीं है। सबसे हैरानी की बात यह है कि जिला अस्पताल से लेकर किसी भी सीएचसी व पीएचसी में फिजिशियन और हृदय रोग विशेषज्ञ की तैनाती नहीं है। ऐसे में कैसे हृदय रोगी यात्रियों को समय पर उपचार देने का दावा किया जा रहा है, यह समझ से परे है।

अहमदाबाद के यात्री रोहित भाई ने बताया कि यमुनोत्री मार्ग पर ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था नहीं की गई। साथ ही रास्ते में कहीं भी स्वास्थ्य संबंधी कैंप व जागरूकता के बोर्ड नहीं लगाए। वृद्ध यात्रियों को किस तरह से चलना है तथा क्या-क्या ध्यान रखना है, इसके निर्देश भी कहीं नहीं हैं।  

हृदय गति रुकने से मरने वाले यात्रियों की संख्या 

  • वर्ष-----यमुनोत्री-----गंगोत्री 
  • 2014--------2--------0 
  • 2015--------3--------1 
  • 2016--------13--------6 
  • 2017--------17--------4 
  • 2018--------16--------2 
  • 2019--------2--------0

य‍ह भी पढ़ें: Chardham Yatra: यहां जोखिम भरी है आस्था की डगर, भक्तों की हो रही परीक्षा

यह भी पढ़ें: Chardham Yatra: गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुले, यात्रा व्यवस्थाएं दुरुस्त करने की रहेगी चुनौती

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.