इस जिले में तैयार हो रहे हैं एवरेस्ट विजेता, अब तक 12 ने किया एवरेस्ट का आरोहण
उत्तरकाशी जिले से दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने वालों की गंगा भी निकलने लगी है। यहां से अब तक 12 पर्वतारोही एवरेट की चोटी को ...और पढ़ें

उत्तरकाशी, [जेएनएन]: हिमालय की गोद में बसे उत्तरकाशी जिले की पहचान देश-दुनिया में गंगा-यमुना के उद्गम को लेकर है। लेकिन, अब यहां से दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने वालों की गंगा भी निकलने लगी है। उत्तरकाशी जिले में एवरेस्ट विजेताओं की संख्या 12 पहुंच चुकी है। इनमें भारत की प्रथम एवरेस्ट विजेता महिला समेत चार महिलाएं भी शामिल हैं।
यूं तो उत्तरकाशी जिले के भूगोल में यहां के लोगों को हर दिन पर्वतारोहण जैसी स्थितियों से दो-चार होना पड़ता है। लेकिन, अब उन्हें ट्रैकिंग और पर्वतारोहण अभियान भी सामान्य-सी बात लगने लगे हैं। यही वजह है कि स्थानीय पर्वतारोही उत्तरकाशी से लगे गंगोत्री हिमालय की कई चोटियों का आरोहण कर चुके हैं।

लेकिन, एवरेस्ट पर उनके कदम पहली बार तब पड़े, जब 23 मई 1984 को नाकुरी गांव की बछेंद्री पाल ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी का आरोहण किया। भारत की पहली महिला एवरेस्ट विजेता होने का श्रेय भी उन्हीं को जाता है। इसके बाद तो बछेंद्री यहां के लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गईं।
वर्ष 1993 में नाकुरी गांव की सविता मर्तोलिया व उत्तरकाशी की सुमन कुटियाल और वर्ष 2005 में हर्षिल के भगत सिंह ने बीएसएफ की टीम के साथ एवरेस्ट का आरोहण किया। लेकिन, जिले के लिए वर्ष 2009 एवरेस्ट ईयर रहा। इस वर्ष लदाड़ी के विश्वेश्वर सेमवाल (विष्णु), बोंगा गांव के दशरथ सिंह रावत, कोटियाल गांव के खुशाल सिंह राणा, धराली गांव के सतल सिंह व कोटी गांव के विनोद गुसाईं ने एवरेस्ट पर तिरंगा फहराया।

इसी तरह 2018 का साल भी उत्तरकाशी के लिए खास साबित हो रहा है। 22 मई 2018 को नाकुरी के संदीप टोलिया, नाल्ड की पूनम राणा और बाड़ाहाट के रवि चौहान ने एवरेस्ट का आरोहण किया। इसके अलावा उत्तरकाशी में ऐसे भी पर्वतारोही हैं, जो किन्हीं कारणों से एवरेस्ट का आरोहण नहीं कर पाए।
इनमें हर्षमणि नौटियाल, पुराली गांव के लक्ष्मण सिंह राणा, चंद्रप्रभा एतवाल, डॉ. हर्षवंती बिष्ट, हर्षा रावत, पोखरी गांव के लक्ष्मण ङ्क्षसह नेगी, विमला नेगी, भागवत सेमवाल आदि पर्वतारोही प्रमुख हैं।
जागररुकता से आगे आ रहीं हैं प्रतिभाएं
भारत की प्रथम महिला एवरेस्ट विजेता बछेंद्री पाल के अनुसार उत्तरकाशी पहाड़ों की गोद में बसा है और यहां का जनजीवन भी पहाड़ के जैसा ही है। पहले लोगों में जागरुकता नहीं थी, लेकिन अब जागरुकता बढऩे से छिपी हुई प्रतिभाएं बाहर आ रही हैं।

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