Uttarakhand News: पशु मेले को भी लगा 'लंपी वायरस', पंतनगर में देश के सबसे पुराने मेले का इस बार आयोजन नहीं
Pantnagar cattle fair कई दशक से किसानों एवं पशुपालकों के लिए यह मेला किसी उत्सव से कम नहीं होता है। यहां विभिन्न प्रकार के उन्नत बीज से लेकर पशुधन की प्रदर्शनी भी अपने आप में काफी चर्चित होती है।

राजेश मिश्रा, पंतनगर : Pantnagar cattle fair : देश के सबसे पुराने किसान मेले में पहली बार होगा, जब पशु मेला नहीं लगेगा। लंपी वायरस (Lumpy Virus) के चलते पशु मेला एवं प्रदर्शनी को इस बार स्थगित कर दिया गया है। ऐसे में लंबे समय से अपने मवेशियों को तैयार कर रहे पशुपालकों को इंतजार करना पड़ेगा। सुरक्षा के दृष्टिगत विवि की ओर से इस बार यह निर्णय लिया गया है।
केवल किसान मेले का होगा आयोजन
सोमवार से जीबी पंत विवि (GB Pant University) में 112वीं अखिल भारतीय किसान मेला एवं कृषि प्रदर्शनी (All India Kisan Fair & Agricultural Exhibition) का आयोजन किया जा रहा है। कई दशक से किसानों एवं पशुपालकों के लिए यह मेला किसी उत्सव से कम नहीं होता है। यहां विभिन्न प्रकार के उन्नत बीज से लेकर पशुधन की प्रदर्शनी भी अपने आप में काफी चर्चित होती है। इसके लिए पशुपालक जी तोड़ मेहनत करते हैं। यह पहली बार होगा जब इस भव्य मेले से पशुओं को दूर रखा गया है।
छह राज्यों में फैला है लंपी वायरस
उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, पंजाब सहित तमाम राज्यों में पिछले छह माह से लंपी वायरस का कहर जारी है। उत्तराखंड में कई मामले मिल चुके हैं। ऊधम सिंह नगर की बात करें तो यहां कुल सवा लाख गायें हैं, जिनमें अब तक 35 में लंपी वायरस के लक्षण मिल चुके हैं।
नेपाल तक से पशु लेकर पहुंचते हैं पशुपालक
किसान मेले में दिल्ली, हरियाणा, नार्थ ईस्ट, नेपाल, कर्नाटक, महाराष्ट्र सहित कई राज्यों से पशु मेले एवं प्रदर्शनी में शामिल होने के लिए आते हैँ। वर्तमान में लंपी वायरस के चलते दूसरे राज्यों के पशुओं को लाना खतरे को दावत देना है। इसे देखते हुए विवि प्रशासन ने इस बार सुरक्षा की दृष्टि से और इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए पशु मेला एवं प्रदर्शनी न लगाने का निर्णय लिया है।
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