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    उत्तराखंड के समान नागरिक संहिता पर बोले लोग- लिवइन रिलेशन-बहु विवाह हो बंद, पत्नी की संपत्ति पर पति को मिले हक

    By Jagran NewsEdited By: Rajesh Verma
    Updated: Fri, 14 Oct 2022 08:23 PM (IST)

    suggestion for Uttarakhand uniform civil code समिति के सामने यह बात भी आई कि जिस तरह पति की संपत्ति पर पत्नी का हक होता है उसी तरह पत्नी की संंपत्ति ...और पढ़ें

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    अधिकांश लोगों ने लिवइन रिलेशनशिप व बहु विवाह जैसी कुरीतियों के खिलाफ अपने विचार रखे।

    जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : Suggestion for Uttarakhand uniform civil code: उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता को लेकर आमजन से उनकी राय ली जा रही है। शुक्रवार को इसे लेकर गठित विशेषज्ञ समिति की रुद्रपुर में हुई बैठक में समाज के प्रबुद्ध लोगों ने अपने विचार रखे, जिसमें अधिकांश ने जहां लिवइन रिलेनशनशिप, बहु विवाह सहित महिलाओं को पिता की संपत्ति पर अधिकार को लेकर लोगाें के विचार जाने गए। अधिकांश लोगों ने लिवइन रिलेशनशिप व बहु विवाह जैसी कुरीतियों के खिलाफ अपने विचार रखे।

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    सामने आए ये सुझाव

    सुझाव देते हुए लोगों ने मांग की कि इनको लेकर कड़े कानून बनने चाहिए। शादी के पहले जहां बेटियों को पिता की संपत्ति पर हक मिले और शादी के बाद उनको पति की संपत्ति पर हक दिया जाए। समिति के सामने यह बात भी आई कि जिस तरह पति की संपत्ति पर पत्नी का हक होता है, उसी तरह पत्नी की संंपत्ति पर भी पति का पूरा हक मिले। बुजुर्ग माता-पिता को जो बच्चे अकेला छोड़ देते हैं ऐसे बच्चों को लेकर कानूनी प्रावधान होना चाहिए। बेटों की संपत्ति पर माता-पिता का पूरा हक मिले। ताकि वह अपना बुढ़ापा बेहतर तरीके से काट सकें।

    • व्यक्तिगत नागरिक मामलों की निर्देशित करने वाले कानून व समान नागरिक संहिता पर गठित तीन सदस्यीय विशेषज्ञ समिति की बैठक कलक्ट्रेट सभागार में आयेाजित की गई, जिसमें समिति के सदस्य के तौर पर रिटायर्ड आईएएस शत्रुघ्न सिंह, मनू गौर व सुरेखा डंगवाल ने प्रबुद्ध लोगें व सामाजिक कार्यकर्ताओं के सुझाव ध्यानपूर्वक सुने और नोट किया।
    • एडवोकेट अवधेश कुमार मिश्रा ने कहा कि बहु विवाह व लिवइन रिलेशनशिप सामाजिक कुरीति है। इस पर कड़ा कानून बनाया जाना चाहिए। जनसंख्या के विस्फोट को रोकने के लिए भी जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाकर देश को प्रगति के पथ पर ले जाया जा सकता है।
    • बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दिवाकर पांडेय ने लिवइन रिलेशनशिप, बहु विवाह की परिपाटी पर रोक लगाए जाने के लिए कानून बनाए जाने की वकालत की। साथ ही समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रयासों की सराहना कर अपना समर्थन दिया। उनका कहना था कि आज से 50 वर्ष पूर्व जो सामाजिक व्यवस्था थी, संयुक्त परिवार की परिकल्पना थी उसे लागू कर हम इन कुरीतियों से समाज को बचा सकते हैं।
    • पत्नी का भरण पोषण, लिव इन रिलेशनशिप से पैदा हुए बच्चों को संपत्ति में समान अधिकार की मांग उठाी।
    • भाजपा नेता ललित मिगलानी ने समान नागरिक संहिता का समर्थन किया। वहीं लिवइन व बहु विवाह प्रथा पर सख्ती से रोक लगाकर देश की अस्मिता बचाने की मांग उठाई। उनका कहना था कि जो युवक-युवती लिवइन में रहते मिलें, उनके बीच विवाह की अनिवार्यता लागू की जाए।
    • बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि आरक्षण शिक्षा लेने तक सीमित रखा जाए आगे इसको नौकरियों के लिए न दिया जाए, ताकि इसका असर समाज में विपरीत न पड़े जो कि ऐसा हो रहा है। लोग अपने देश से बाहर जाकर अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन कर रहे हैं जबकि वह देश में रहकर देश के विकास में अपना योगदान दे सकते हैं।
    • सामजिक कार्यकर्ता मंजीत सिंह मक्क्ड़ ने कहा कि लिव इन रिलेशनशिप समाज के लिए सही नहीं है। बुजुर्ग माता-पिता की सेवा जो बेटे नहीं कर रहे हैं उनके खिलाफ कानून बनाया जाए। साथ ही आर्थिक आधार पर आरक्षण दिया जाना जरूरी है। जनसंख्या नियंत्रण को लेकर दो बच्चों तक सीमित रहने का कानून बनाए जाने की मांग रखी।
    • महामंत्री विकास शर्मा ने लिवइन रिलेशनशिप , बहु विवाह का विरोध किया। उनका कहना था कि महिलाओं को समान अधिकार मिले, पिता को बेटे की संपत्ति में हिस्सा मिलना बेहद जरूरी है। ताकि जो बेटे बुढ़ापे में उनको छोड़ देते हैं उन पर कानूनी शिकंजा कसा जा सके।
    • सामाजिक कार्यकर्ता सचिन छाबड़ा ने समान नागरिक संहिता को बनाए जाने को लेकर मुख्यमंत्री की पहल का समर्थन किया। डा. राजेश सेतिया ने साफ कहा कि ब्लड रिलेशन में विवाह संबंध ही किए जाएं, ताकि वंशानुगत बीमारियों को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में जाने से रोका जा सके।
    • सामाजिक कार्यकर्ता सिमरन सेतिया ने कहा कि बहु विवाह, लिवइन रिलेशनशिप जैसी कुरीतियों पर रोक लगाई जानी चाहिए। इसके लिए कड़े कानून बनाए जाएं।
    • विशेषज्ञ समिति के सदस्य मनू गौर ने सभी से अपील की कि जिसे भी समान नागरिक संहिता के पक्ष या विपक्ष में अपनी राय रखनी है, वह समिति की तरफ से बनाई गई वेबसाइट पर अपना पक्ष लिखित तौर पर रख सकते हैं।
    • इस मौके पर डीएम युगल किशोर पंत, एडीएम वित्त डा. ललित नारायण मिश्रा, ओसी कलक्ट्रेट मनीष बिष्ट, सहित बड़ी संख्या में शहर के सामाजिक कार्यकर्ता व विभिन्न विभागों के कर्मचारी मौजूद थे।