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    स्टडी वीजा पर रूस गया था उत्तराखंड का इंजीनियर छात्र, जबरन यूक्रेन वॉर में भेजा; घर पहुंचा शव

    Updated: Thu, 18 Dec 2025 04:45 PM (IST)

    रूस में फंसे इंजीनियर छात्र राकेश मौर्य की मौत हो गई है, और उसका पार्थिव शरीर शक्तिफार्म पहुंचा। राकेश स्टडी वीजा पर रूस गया था। परिवार को उसकी मौत की ...और पढ़ें

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    जबरन सैनिक बना दिया और यूक्रेन युद्ध में भेजा। वीडियो ग्रैब

    संस, शक्ति फार्म। स्टडी वीजा पर रूस गए इंजीनियर छात्र राकेश मौर्य की मौत हो गई। बुधवार को जब राकेश का पार्थिव शरीर शक्तिफार्म पहुंचा, तो गांव में हर आंख नम हो गई। स्वजन गहरे सदमे में हैं और मीडिया से दूरी बनाए हैं। गमगीन माहौल में सुरेंद्रनगर स्थित श्मशान घाट पर राकेश का अंतिम संस्कार किया गया।

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    शक्तिफार्म के ग्राम कुसमोठ निवासी एवं मूल रूप से उत्तर प्रदेश के जिला बदायूं के थाना दातागंज क्षेत्र निवासी राजबहादुर मौर्य के पुत्र राकेश मौर्य करीब दो माह पहले उस समय चर्चा में आया था, जब उसका एक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हुआ था। वीडियो में राकेश रूस के सैनिक की वर्दी पहने, आधुनिक हथियारों के साथ अपनी पीड़ा बयां करता नजर आया था। उसने आरोप लगाया था कि रूस पहुंचने के बाद वहां के प्रशासन ने उसका पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज जब्त कर उसे जबरन सैनिक बना दिया और यूक्रेन युद्ध में भेज दिया।

    राकेश के पिता राजबहादुर मौर्य और माता सोनी ने बताया था कि 30 अगस्त को उनकी राकेश से आखिरी बार बात हुई थी। उस समय उसने खुद को हिमाचल प्रदेश में नौकरी पर बताया था। इसके बाद उनसे संपर्क टूट गया और फिर रूस में सैनिक बनाए जाने की जानकारी सामने आई। स्वजन के अनुसार राकेश आनलाइन जाब करता था, जिसके चलते वह हिमाचल, शिमला समेत अन्य स्थानों पर आता-जाता रहता था। वह कब और किन परिस्थितियों में रूस पहुंच गया, इसकी स्पष्ट जानकारी परिवार को नहीं थी।

    राकेश के स्वजन उसकी सुरक्षित वापसी के लिए लगातार सरकार और प्रशासन से गुहार लगाते रहे। परिवार को उम्मीद थी कि किसी तरह राकेश घर लौट आएगा, लेकिन बुधवार को उसके पार्थिव शरीर के पहुंचने की सूचना ने सभी उम्मीदें तोड़ दीं। अंतिम संस्कार के दौरान परिजन बेहद टूटे नजर आए और उन्होंने किसी से बातचीत करने से इनकार कर दिया। राकेश की मौत किन परिस्थितियों में हुई, उसे कब और कैसे रूस से भारत लाया गया, पूरे घटनाक्रम की वास्तविक सच्चाई क्या है, इन सवालों के जवाब अब भी सामने नहीं आ सके हैं। इस संबंध में कोई अधिकारी बोलने के लिए भी तैयार नहीं है।

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