Sitarganj Bus Accident: बीमार मां की जिंदगी बचाने को आंसू पीने को मजबूर लता के स्वजन, ज्योत्सना के घर भी मातम
Sitarganj Bus Accident मां कांति की स्वास्थ्य खराब रहने के कारण लता का पूरा परिवार उनका खास ध्यान रखता है। ऐसे में अचानक परिवार की लाडली लता की दुर्घटना में मौत की सूचना मिली तो परिवार के लोग दहशत में हो गए।
जागरण संवाददाता, किच्छा : Sitarganj Bus Accident: जिंदगी भी अजब रंग दिखाती है। एक तरफ लता गंगवार एक झटके में ही परिवार का साथ छोड़ गई। वहीं बीमार मां को बचाने के लिए परिवार के लोग होठों को सिल कर बैठे हैं। सबको बीमार मां की चिंता है। एक दम सदमे से उसे कोई परेशानी न हो, इसके लिए अपने आंसू भी गए हैं। यहीं हाल ज्योत्सना के घर का भी है। दुर्घटना में मृत्यु की जानकारी मिलने पर पिता सितारगंज रवाना हो गए। वहीं परिवार के लोग इस बात का एहसास भी नहीं कर पा रहे थे कि ज्योत्सना अब उनके बीच नहीं है।
पांच भाई-बहनों में सबसे छोटी थी लता
सितारगंज में ट्रक की चपेट में आकर वैद्य राम सुधी सिंह बालिका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय किच्छा की शिक्षिका लता गंगवार सहित छात्रा ज्योत्सना की मौत ने सबको हिला कर रख दिया। दुर्घटना में लता गंगवार व ज्योत्सना की मौत से परिवार सदमे में है। लता गंगवार पुत्री टीका राम गंगवार निवासी गैस एजेंसी गली किच्छा लंबे समय से विद्यालय में पढ़ा रही थी। परिवार में पांच भाई बहनों में वह सबसे छोटी थी।
मां रहती है बीमार
मां कांति की स्वास्थ्य खराब रहने के कारण पूरा परिवार उनका खास ध्यान रखता है। ऐसे में अचानक परिवार की लाडली लता की दुर्घटना में मौत की सूचना मिली तो परिवार के लोग दहशत में हो गए। उनकी समझ में ही नहीं आया कि वह क्या करें। एक भाई दुबई में रहता है और दो बहनों का विवाह हो चुका है।
मां को नहीं दी बेटी की मौत की खबर
लता अपने भाई व मां कांति के साथ ही रहती थी। मां के स्वास्थ्य को देखते हुए लता की मृत्यु की सूचना मिलने पर परिवार के लोगों ने चुप्पी साध ली। जिसको पता लग रहा था वह शोक व्यक्त करने पहुंच रहा था तो परिवार के लोग उसको इधर-उधर ले जाकर इस प्रयास में लगे थे कि किसी तरह मां से इस जानकारी को दूर रखा जा सके। इसके लिए पूरा परिवार ऐहतियात बरत रहा था। साथ ही इस बात को लेकर भी चिंतित था कि आखिर पार्थिव शरीर के घर आने पर कैसे मां को इसके बारे में बताया जाएगा।
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ज्योत्सना के घर भी मातम
यहीं हालत दुर्घटना में काल का शिकार बनी ज्योत्सना के घर भी था। ज्योत्सना के पिता प्रकाश निवासी सुभाष नगर बंगाली कॉलोनी आजादनगर किच्छा भी बेटी की मौत का समाचार सुन कर सदमे में आ गए। फिर थोड़ा संभलते हुए बेटी का शव लेने सितारगंज चले गए। ज्योत्सना की मां सावित्री को भी इसकी जानकारी नहीं दी गई।
- लेकिन ज्योत्सना की मौत का पता लगने पर कॉलोनी के लोगों की उसके घर पर आवाजाहीं को देख सावित्री को इस बात का एहसास जरुर हो गया था कि उसकी बच्ची के साथ कोई न कोई अनहोनी जरुर हो गई है। जिस पर वह उसकी आंख में आंसू साफ दिखाई देने लगे थे।
कॉलाेनी की एक बच्ची घायल
दुर्घटना में सुभाष नगर बंगाली कॉलोनी की और भी बच्ची गई थी जो घायल है। जिसके चलते कॉलोनी का माहौल गमगीन दिखाई दे रहा था।
सौ-सौ रुपये जमा कर खुशी-खुशी गए थे नानकमत्ता घूमने
सुभाष नगर बंगाली कॉलोनी से लगभग पचास बच्चे वैद्य राम सुधी सिंह बालिका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में पढ़ने जाते थे। बाल दिवस को लेकर बच्चों में जबरदस्त उत्साह था। नानकमत्ता घूमने के लिए बच्चों ने सौ-सौ रुपये जमा किए थे। परंतु वह नहीं जानते थे कि उनके साथ हादसा होने वाला है। वह गए तो हंसी खुशी थे पर वापस लौटते समय उनकी खुशी को ग्रहण लग गया।
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