Kashipur Firing Case: UP पुलिस की कहानी झूठी या फाॅरेंसिक टीम की जांच, क्रॉस फायरिंग के नहीं मिले सबूत
Kashipur Firing Case 12 अक्टूबर की शाम को उत्तर प्रदेश की मुरादाबाद पुलिस 50 हजार के इनामी खनन माफिया जफर की तलाश में काशीपुर के कुंडा के गांव भरतपुर पहुंची थी जहां क्राॅस फायरिंग में ज्येष्ठ उप ब्लॉक प्रमुख की पत्नी की मौत हो गई थी।

वीरेंद्र भंडारी, रुद्रपुर : Kashipur Firing Case : इनामी खनन माफिया की गिरफ्तारी को लेकर कुंडा के भरतपुर में हुई क्रास फायरिंग की घटना सुलझने के बजाय उलझ रही है। घटनास्थल से केवल तीन सरकारी पिस्टल और दो खाली कारतूस ही मिले हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि ज्येष्ठ उप प्रमुख की पत्नी की गोली लगने से हुई मौत के बाद UP पुलिस कर्मियों को कैसे गोली लगी।

खनन माफिया की तलाश में पहुंची थी यूपी पुलिस
बुधवार को उत्तर प्रदेश की मुरादाबाद पुलिस 50 हजार के इनामी खनन माफिया जफर की तलाश में कुंडा के गांव भरतपुर पहुंची थी। जहां क्राॅस फायरिंग में ज्येष्ठ उप ब्लॉक प्रमुख की पत्नी की मौत हो गई थी, जबकि यूपी के कई पुलिस कर्मी भी घायल हो गए थे। इस घटना के बाद कुंडा थाने में अज्ञात पुलिस कर्मियों के विरुद्ध केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई थी। साथ ही साक्ष्य संकलन के लिए फाॅरेंसिक टीम भी पहुंची थी।
क्रॉस फायरिंग की पुष्टि नहीं
फाॅरेंसिक टीम के मुताबिक, अब तक हुई जांच में क्राॅस फायरिंग की पुष्टि नहीं हुई है। मौके से पुलिस को केवल तीन सरकारी पिस्टल और दो खाली कारतूस मिले हैं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश पुलिस की क्षतिग्रस्त टाटा सूमो में भी कोई बुलेट नहीं मिली है। उसमें केवल लाठी डंडों के ही वार मिले हैं। ऐसे में दबिश देने को आई यूपी पुलिस की क्राॅस फायरिंग की कहानी झूठी है या फिर फाॅरेंसिक जांच कर रही टीम की रिपोर्ट। इससे कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
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यूपी पुलिस कर्मियों को नहीं लगी थी गोली
सूत्रों के मुताबिक, जब घायल पुलिस कर्मियों को कुंडा पुलिस के सुपुर्द किया गया, उनके शरीर में कहीं भी गोली के निशान नहीं थे। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि उत्तर प्रदेश पुलिस की कहानी झूठी है या फिर फाॅरेंसिक जांच।
बाल और खून के नमूनों की जांच शुरू
घटनास्थल पर पहुंची फाॅरेंसिक टीम को बाल और खून के निशान भी मिले। इसके बाद टीम ने सैंपल जांच को ले लिए। साथ ही मौके से एक टोपी भी बरामद हुई है, उसमें से भी शराब की बू आ रही थी। इसके अलावा एक वीडियो भी बरामद हुई है, जिसमें केवल दो गोली चलने की फुटेज मिली है।
सीसीटीवी से लिए फिंगर प्रिंट
ज्येष्ठ उप प्रमुख के घर पर लगे सीसीटीवी कैमरे भी टूटे मिले। साथ ही उसकी डीवीआर भी गायब थे। ऐसे में सीसीटीवी कैमरे किसने तोड़े और डीवीआर गायब किसने की, इसकी जांच भी पुलिस के साथ ही फाॅरेंसिक टीम ने शुरू कर दी है। इसके लिए फाॅरेंसिक टीम ने मौके से फिंगर प्रिंट के निशान साक्ष्य के तौर पर लिए हैं।

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