आखिर क्यों अशांत हुआ खटीमा? भीड़ ने की आगजनी, पुलिस ने भांजी लाठियां; तस्वीरें
उत्तराखंड के खटीमा शहर में चाकूबाजी की घटना ने सांप्रदायिक रूप ले लिया। युवक की मौत के बाद हिंदूवादी संगठन भड़क उठे और रोडवेज बस स्टेशन पर दुकानों को ...और पढ़ें

खटीमा शहर में चाकूबाजी की घटना ने सांप्रदायिक रूप ले लिया। Jagran
जागरण संवाददाता, खटीमा। शुक्रवार देर रात उत्तराखंड के खटीमा शहर में चाकूबाजी की घटना ने सांप्रदायिक रूप ले लिया। घटना में युवक की मौत के बाद शनिवार की सुबह हिंदूवादी संगठन भड़क उठे। रोडवेज बस स्टेशन पर गैर हिंदुओं की दुकानें बंद करा दी गईं। जिस चाय की दुकान पर घटना हुई उस दुकान को आग के हवाले कर दिया।
बताया जा रहा ये दुकान मुख्य आरोपी के पिता की है। इस दौरान प्रदर्शनकारियों की पुलिस अधिकारियों से भी तीखी नोक जोक हुई। वहीं घटना से क्षेत्र में तनाव व्याप्त हो गया। हर ओर पुलिस तैनात रही।
एसडीएम ने नगर में लागू की धारा 163
पुलिस के सब्र का बांध उस समय टूट पड़ा, जब टनकपुर रोड पर जुलूस गैर हिंदुओं की बंद पड़ी दुकानों में पेट्रोल छिड़कर आग लगाने एवं चलते वाहनों मे तोड़फोड़ करनी चाही। यह देख पुलिस ने पीएसी जवानों के साथ लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर-बितर किया। इस दौरान पुलिस ने दो लोगों को अपनी हिरासत में भी ले लिया।
इसके बाद पुलिस ने सड़क पर घूम रहे लोगों को दौड़ाकर उन्हें भगा दिया। वहीं एसडीएम तुषार सैनी ने नगर में धारा 163 लागू कर दी। इसके तहत चार व्यक्ति आपस में एक साथ खड़े नहीं हो सकते।
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