Move to Jagran APP

इस गांव के लोगों ने कभी नहीं देखी गाड़ी, नहीं मालूम मोबाइल

देश में एक गांव ऐसा भी है, जो आदिम युग में जी रहा है। यहां के लोगों ने कभी गाड़ी नहीं देखी। गांव के अधिकतर बच्चों को मोबाइल और कैमरे के बारे में नहीं मालूम।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 23 Dec 2016 10:19 AM (IST)Updated: Sat, 31 Dec 2016 01:00 AM (IST)
इस गांव के लोगों ने कभी नहीं देखी गाड़ी, नहीं मालूम मोबाइल

गंगी, [अनुराग उनियाल]: आज जहां इंसान चांद पर पहुंच चुका है, वहीं टिहरी जिले के सुदूरवर्ती गंगी गांव के ग्रामीण आदिम युग में जीने को विवश हैं। 120 बच्चों समेत 600 आबादी वाले इस गांव के लगभग 300 लोगों ने कभी गाड़ी नहीं देखी। गांव के अधिकतर बच्चों को मोबाइल और कैमरे के बारे में नहीं मालूम। देश के राष्ट्रपति का नाम पूछो तो बच्चे गांव के प्रधान नैन सिंह का नाम लेते हैं। महिलाओं को सिर्फ इतना पता है कि उनका जीवन खेती करने और खाना पकाने के लिए है। पुरुष पशु चराने को ही जिंदगी मानते हैं।

'दैनिक जागरण' की टीम गुरुवार को जब 15 किमी की चढ़ाई नापकर जिला मुख्यालय टिहरी से 120 किमी दूर खतलिंग ग्लेशियर की तलहटी में बसे गंगी गांव पहुंची तो एक अनोखी दुनिया में पहुंचने का अहसास हुआ। समुद्रतल से 7000 फीट की ऊंचाई पर स्थित इस गांव में बिजली, पानी, सड़क, संचार कुछ भी नहीं है। गांव में पुरुष भेड़ की ऊन का बना सदियों पुराना परिधान डिगलू, जबकि महिलाएं आंगड़ी पहनती हैं। यहां स्वेटर और जैकेट का नाम भी लोग नहीं जानते। बीमार होने पर जड़ी-बूटी ही सहारा हैं।

loksabha election banner


पढ़ें:-कुमाऊं में बनेगा धार्मिक व ऐतिहासिक विरासतों का ईको सर्किट
गंगी के 95 वर्षीय मांडू सिंह बताते हैं कि सड़क, बिजली और पानी का इंतजार गांव में लोग आजादी के बाद से कर रहे हैं। कई लोग तो इन सुविधाओं का सपना लिए ही दुनिया से रुखसत हो गए। 70 वर्षीय गंगा देवी कहती हैं, 'हमें तुम्हारी दुनिया का पता नहीं। पानी हमारे गांव में नहीं है। गंदा पानी पीना पड़ता है। हमें बस साफ पानी दे दो।' गांव का 16 वर्षीय वासुदेव काफी होशियार है। क्या बनेगा, पूछने पर कहता है, 'दो सौ बकरी लाऊंगा।'


पढ़ें-बदरीनाथ की बत्ती गुल, टार्च के सहारे हो रही मंदिर की सुरक्षा
गांव में सड़क लाना हमारी पहली प्राथमिकता
टिहरी गढ़वाल के जिलाधिकारी इंदुधर बौड़ाई ने बताया कि गंगी गांव आज भी दुनिया से कटा है। हम पूरी टीम के साथ गंगी आए हैं और अब गांव में सड़क लाना हमारी पहली प्राथमिकता है। यहां पर अब नियमित कैंप लगाए जाएंगे।
पढ़ें:-चकराता के जंगल में मिली प्राचीन गुफा, जानिए इसकी खासियत

पढ़ें:-उद्धार को तरसे ऐतिहासिक बालेश्वर मंदिर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.