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    उत्‍तराखंड आ रहे पर्यटकों को लुभा रहा "पहाड़ की रसोई" का स्‍वाद, जरा आप भी चखिए जनाब

    Updated: Wed, 19 Mar 2025 01:54 PM (IST)

    Pahad ki Rasoi ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे पर खाड़ी के पास बना पहाड़ की रसोई रेस्टोरेंट अपने पहाड़ी व्यंजनों के स्वाद से यात्रियों को लुभा रहा है। स्थानीय निवासियों ने वर्ष 2019-20 में पहाड़ की रसोई रेस्टोरेंट खोला। इस रसोई में बनने वाले पहाड़ी व्यंजनों की खुशबू से पर्यटक इसकी ओर खींचे आते हैं और यहां रुककर इन व्यंजनों का आनंद जरूर लेते हैं।

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    Pahad ki Rasoi: ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे पर खाड़ी के पास बना है यह रेस्टोरेंट। जागरण ग्राफ‍िक्‍स

    संवाद सहयोगी, जागरण, नई टिहरी । Pahad ki Rasoi: ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे पर खाड़ी के पास बना 'पहाड़ की रसोई' रेस्टोरेंट अपने पहाड़ी व्यंजनों के स्वाद से यात्रियों को लुभा रहा है। रेस्टोरेंट में पर्यटकों व लोगों को शुद्ध रूप से पहाड़ी व्यंजन परोसे जा रहे हैं, जो पर्यटकों को खूब पसंद आ रहे हैं।

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    पर्यटक इन व्यंजनों का स्वाद चखने के साथ ही यहां काम करने वाले कारीगरों से इन व्यंजनों को बनाने विधि के बारे में भी जानकारी जुटा रहे हैं।

    शुद्ध रूप से तैयार किए जाते हैं पहाड़ी व्यंजन

    ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे के पास खाड़ी कस्बे में स्थानीय निवासियों ने वर्ष 2019-20 में पहाड़ की रसोई रेस्टोरेंट खोला। जिसमें शुद्ध रूप से पहाड़ी व्यंजन तैयार किए जाते हैं। यहां विभिन्न प्रकार की चटनी सिलबट्टे पर पीसकर व अन्य व्यंजन तैयार किए जाते हैं। इस रसोई में बनने वाले पहाड़ी व्यंजनों की खुशबू से पर्यटक इसकी ओर खींचे आते हैं और यहां रुककर इन व्यंजनों का आनंद जरूर लेते हैं।

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    खासकर यात्रा सीजन के दौरान इस रेस्टोरेंट में पर्यटकों की काफी भीड़ लगी रहती है। पहाड़ी रसोई में स्थानीय आधा दर्जन पुरुष व महिलाएं काम करती हैं। रेस्टोरेंट के कर्मी गांवों में संपर्क कर लोगों से मंडुवा, झंगोरा, गहथ, तिल आदि उत्पादों को एकत्रित करते हैं और फिर इनसे व्यंजन तैयार करते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक हैं।

    गहत दाल पकौड़ा।

    यह है थाली की कीमत

    रसोई में थाली 150, 200 और 300 रुपये तक की है। इसके अलावा जिस तरह की मांग दी जाती है, उसी के हिसाब से थाली की कीमत ली जाती है। दक्षिण भारत से पहुंचे चिपको आंदोलन के नेता पांडुरंग हेगड़े ने यहां पहुंचकर व्यंजनों का लुत्फ उठाया और इन व्यंजनों को काफी सराहा।

    पहाड़ की रसोई में बनते हैं यह व्यंजन

    मंडुवा की रोटी, झंगोरा का भात, झंगोरे की खीर, गहत की भरी रोटी, गहत की दाल, मंडुवा का समोसा, मोमो, तिल की चटनी, मट्टा, अडसा आदि।

    दाल पकौड़ा।

    पहाड़ी रसोई रेस्टोरेंट में शुद्ध रूप से पहाड़ी व्यंजन तैयार किए जाते हैं, जो पर्यटकों को काफी भा रहे हैं। रसोई भी इसी उद्देश्य से खोली गई कि पर्यटक व श्रद्धालुओं को पहाड़ी व्यंजन परोस कर पहाड़ी उत्पादों का प्रचार-प्रसार किया जा सके। - अरण्य रंजन, संचालक पहाड़ की रसोई

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