Chardham Yatra पर आने वाले पर्यटक वाहनों के लिए ये कार्ड जरूरी, वरना नहीं मिलेगी एंट्री
Chardham Yatra 2025 चारधाम यात्रा और गढ़वाल मंडल में आने वाले पर्यटकों के वाहनों के लिए अब ग्रीन कार्ड बनवाना अनिवार्य होगा। परिवहन विभाग ने दुर्घटनाओं पर नियंत्रण और वाहनों की पूरी जानकारी जुटाने के लिए यह फैसला लिया है। ग्रीन कार्ड बनवाने के लिए वाहन को परिवहन कार्यालय लाना होगा जिससे चालक को लंबी यात्रा की अवधि में कुछ देर विश्राम भी मिल जाएगा।
अंकुर अग्रवाल, जागरण देहरादून। Chardham Yatra 2025: चारधाम यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के वाहनों के साथ ही अब गढ़वाल मंडल में आने वाले पर्यटकों के वाहनों को भी ग्रीन-कार्ड बनवाना होगा।
दरअसल, अब तक केवल श्रद्धालुओं के व्यावसायिक वाहनों के लिए ही ग्रीन-कार्ड बनवाने की अनिवार्यता थी, लेकिन अब ट्रेकिंग, कैंपिंग या अन्य साहसिक पर्यटन के लिए काणाताल, केदारकांठा, चोपता, पंवालीकांठा, देवरिया ताल, हर्षिल, सतोपंत व फूलों की घाटी जैसे पर्यटकस्थल आने वाले पर्यटकों के वाहनों को भी परिवहन विभाग से ग्रीन-कार्ड लेना होगा।
परिवहन विभाग ने दुर्घटनाओं पर नियंत्रण व वाहन की पूरी जानकारी जुटाने के दृष्टिगत यह निर्णय लिया है। वहीं, श्रद्धालुओं को बड़ी राहत देते हुए प्रदेश सरकार ने चारधाम यात्रा के वाहनों की किराया वृद्धि की ट्रांसपोर्टरों की मांग खारिज कर दी है और वर्ष-2022 में निर्धारित किए गए किराये पर ही यात्रा कराने के आदेश दिए हैं।
16 यात्रियों की हुई थी मौत
चारधाम यात्रा के दौरान पिछले वर्ष 15 जून को दिल्ली से ट्रेकिंग के लिए जा रहे पर्यटकों का टैंपो ट्रेवलर ऋषिकेश-बदरीनाथ राजमार्ग पर अनियंत्रित होकर अलकनंदा नदी में जा गिरा था, जिसमें 16 यात्रियों की मृत्यु हो गई थी। जांच में सामने आया था कि पर्यटक देर रात दिल्ली से चले थे व चालक लगातार वाहन चला रहा था।
हादसे की फाइल फोटो।
पर्यटक वाहनों के लिए ग्रीन-कार्ड लेने की अनिवार्यता न होने से न तो इन वाहनों की फिटनेस की जांच हो पाती है और न इनके चालकों के पर्वतीय मार्गों पर वाहन चलाने के अनुभव के बारे में परिवहन विभाग को कुछ पता होता है। ऐसे में दुर्घटना का खतरा बना रहता है। लिहाजा, परिवहन विभाग ने इस बार से पर्यटकों के वाहनों के लिए भी ग्रीन-कार्ड बनाना अनिवार्य करने का प्रस्ताव सरकार को भेज दिया है।
15 दिन की होगी ग्रीन-कार्ड की अवधि
चारधाम यात्रा के नोडल अधिकारी व आरटीओ (प्रशासन) देहरादून सुनील शर्मा ने बताया कि इस व्यवस्था से सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि पर्वतीय मार्ग पर जाने से पहले वाहन की फिटनेस जांच की जाएगी व चालक को पर्वतीय मार्ग का अनुभव है या नहीं, यह जानकारी भी परिवहन विभाग के पास होगी। ग्रीन-कार्ड बनाने के चूंकि वाहन को परिवहन कार्यालय लाना पड़ता है, ऐसे में चालक को लंबी यात्रा की अवधि में कुछ देर विश्राम भी मिल जाएगा। आरटीओ ने बताया कि यह अनिवार्यता पर्यटकों के 13 सीटर या इससे ऊपर यात्री क्षमता वाले वाहनों के लिए होगी और इनके ग्रीन-कार्ड की अवधि 15 दिन की होगी। वहीं, चारधाम यात्रा में ट्रांसपोर्टर यात्री किराये में 15 ये 20 प्रतिशत तक वृद्धि की मांग कर रहे थे, जिसे परिवहन विभाग ने नकार दिया है।
दो अप्रैल से बनेंगे ग्रीन-कार्ड व ट्रिप कार्ड
- चारधाम यात्रा पर जाने वाले व्यावसायिक वाहनों के लिए परिवहन विभाग के समस्त कार्यालयों में दो अप्रैल से ग्रीन कार्ड बनने शुरू हो जाएंगे।
- इसके लिए वाहनों को फिटनेस टेस्ट से गुजरना होगा। यह टेस्ट पास करने के बाद ही व्यावसायिक वाहनों को ग्रीन कार्ड मिलेगा।
- निजी वाहनों के लिए ग्रीन कार्ड-ट्रिप कार्ड की कोई बाध्यता नहीं है।
- सभी परीक्षणों पर खरा उतरने के बाद व्यावसायिक वाहन स्वामी को greencard.uk.gov.in वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर ग्रीन कार्ड प्रदान कर दिया जाता है।
- इस कार्ड के बाद प्रत्येक ट्रिप के लिए वाहन स्वामी को ट्रिप कार्ड लेना होता है।
- ट्रिप कार्ड में यात्रियों के नाम-पते, मोबाइल नंबर, चालक का नाम-पता व यात्रा की तिथि आदि की पूरी जानकारी होती है।
- यह भी परिवहन विभाग की वेबसाइट greencard.uk.gov.in पर दिए गए लिंक से आनलाइन प्राप्त किया जा सकता है।
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