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दिनभर बंद रहा ऋषिकेश-गंगोत्री राजमार्ग, लोग रहे परेशान

ऋषिकेश-गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग के ताछला के भैड़धार में पहाड़ी से भारी मलबा आने के कारण मार्ग सुबह चार बजे बंद हो गया जिससे लोगों परेशानी का सामना करना पड़ा।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sat, 16 Mar 2019 05:41 PM (IST)Updated: Sat, 16 Mar 2019 05:41 PM (IST)
दिनभर बंद रहा ऋषिकेश-गंगोत्री राजमार्ग, लोग रहे परेशान
दिनभर बंद रहा ऋषिकेश-गंगोत्री राजमार्ग, लोग रहे परेशान

टिहरी, जेएनएन। ऋषिकेश-गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग के ताछला के भैड़धार में पहाड़ी से भारी मलबा आने के कारण मार्ग सुबह चार बजे बंद हो गया, जो अभी तक नहीं खुल पाया है। राजमार्ग के पूरे दिन बंद रहने के कारण आवागमन पूरी तरह प्रभावित रहा। इस दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई। दिनभर सड़क बाधित रहने के कारण लोग परेशान रहे। यहां तक कि यात्रियों को पानी व चाय के लिए जूझना पड़ा। वहीं, आवश्यक वस्तुओं की क्षेत्र में आपूर्ति नहीं हो पाई। सड़क बंद होने के कारण आस-पास के लोगों को पैदल ही दूरी नापनी पड़ी। 

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ऋषिकेश-गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर ताछला के समीप भैड़धार में सुबह चार बजे पहाड़ी से भारी मलबा आ गया, जिस कारण राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो गया। इस दौरान मार्ग के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई। दिनभर यात्री सड़क पर बैठे रहे। कई यात्रियों को दिनभर भूखा रहना पड़ा। सूचना मिलने पर यहां पर जेसीबी पहुंच गई थी और मलब कटाने का कार्य किया जा रहा है, लेकिन मलबा इतना अधिक है कि दोपहर बाद तक भी मार्ग आवागमन के लिए सुचारू नहीं हो पाया।

सड़क पर आए मलबे के चलते ताछला-नौर मोटर मार्ग को भी खतरा पैदा हो गया है। राजमार्ग को खुलता न देख आस-पास के गांव के लोगों को पैदल की दूरी नापनी पड़ी। स्थिति को देखते हुए उप जिलाधिकारी नरेंद्रनगर युक्ता मिश्रा व तहसीलदार दयाल सिंह भंडारी मौके पर पहुंचे। एसडीएम ने रोड का काम कर रही कंपनी के अधिकारियों को निर्देश दिए कि मलबे को तत्काल हटाकर आवागमन को सुचारू किया जाए। मार्ग न खुलता देख कुछ वाहन वापस ऋषिकेश की ओर चले गए थे।

मकानों को खतरा

ऋषिकेश-चंबा राष्ट्रीय राजमार्ग के भैड़धार में पहाड़ी से भारी मलबा आने से सड़क से नीचे लम्याली गांव के आधा दर्जन परिवारों के मकानों को खतरा पैदा हो गया है। मलबा गांव के खेतों में जा रहा है, जिस कारण ग्रामीणों में दहशत है। यदि यहां पर और मलबा आता है तो ग्रामीणों के खेतों के साथ-साथ मकानों को भी खतरा पैदा हो सकता है।

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