देवप्रयाग : आतंक का पर्याय बना गुलदार पिंजरे में कैद, कई बकरियों को बना चुका था निवाला
देवप्रयाग के गोर्ती कांडा गांव में आतंक मचाने वाला गुलदार आखिरकार पिंजरे में कैद हो गया। वन विभाग ने उसे रेस्क्यू सेंटर भेज दिया है। गुलदार ने कई बकरियों को अपना शिकार बनाया था, जिससे ग्रामीण परेशान थे। ग्रामीणों का कहना है कि इलाके में अभी और भी गुलदार हो सकते हैं, इसलिए उन्हें भी पकड़ा जाना चाहिए।

भटगांव में पिंजरे में कैद हुआ गुलदार। सुधि पाठक
संवाद सूत्र, जागरण, देवप्रयाग : देवप्रयाग शहर के समीप गोर्ती कांडा गांव में आतंक का पर्याय बना गुलदार भटगांव में लगाए गए पिंजरे में मंगलवार तड़के कैद हो गया।
गुलदार के कैद होने पर की खबर मिलने पर लोगों ने राहत की सांस ली और उसे देखने के लिए हुजूम उमड़ पड़ा। भीड़ बढ़ती देख वन विभाग ने पिंजरे को ढककर रेंज कार्यालय देवप्रयाग तक पहुंचाया और वहां से गुलदार को रेस्क्यू केंद्र भेज दिया।
रेंज अधिकारी मदन सिंह रावत ने बताया कि गुलदार गोर्ती कांडा गांव के आसपास काफी समय से डेरा जमाए हुए था। कई बकरियों को वह निवाला बना चुका था। इसके बाद वन विभाग ने दो दिन पहले भटगांव व सजवाण कांडा इंटर कालेज के पास दो पिंजरे लगाए थे।
भटगांव में लगाए गए पिंजरे में रविवार सुबह करीब छह बजे बकरी को शिकार बनाने आया गुलदार उसमें कैद हो गया। गुलदार की उम्र करीब छह वर्ष होगी।
बता दें, तीन दिन पहले गुलदार ने एक बच्चे व महिला पर हमले की कोशिश की थी, जिससे गुस्साए ग्रामीणों ने रेंजर का घेराव किया था। इसके बाद वन विभाग की ओर से यहां दो पिंजरे लगाए गए थे। गांव वासियों का कहना है कि यहां अभी और भी गुलदार हो सकते हैं, उन्हें भी पिंजरे में कैद किया जाना जरूरी है।

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