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    शिक्षक नहीं, फिर भी शिक्षक धर्म निभा रहींं हैं डीएम की पत्नी

    By Raksha PanthariEdited By:
    Updated: Tue, 04 Sep 2018 09:17 PM (IST)

    जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल की पत्नी एक शिक्षिका नहीं हैं लेकिन वे शिक्षक धर्म पूरी तरह से निभा रही हैं। ऊषा बालिका इंटर कॉलेज में छात्राओं को अंग्रेजी पढ़ाती हैं।

    शिक्षक नहीं, फिर भी शिक्षक धर्म निभा रहींं हैं डीएम की पत्नी

    रुद्रप्रयाग, [रवीन्द्र कपरवान]: ऊषा घिल्डियाल शिक्षक नहीं हैं, फिर भी शिक्षक बनकर नि:स्वार्थ भाव से छात्राओं के भविष्य को संवारने का काम कर रही हैं। जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग स्थित राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में वह नवीं व दसवीं की छात्राओं को न सिर्फ नियमित रूप से अंग्रेजी पढ़ाती हैं, बल्कि उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए महत्वपूर्ण टिप्स भी देती हैं। 

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    जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल की पत्नी ऊषा गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर में सीनियर वैज्ञानिक रह चुकी हैं। लेकिन, अब वह नौकरी छोड़कर रुद्रप्रयाग जिले में शिक्षा की बेहतरी के लिए कार्य कर रही हैं। एक वर्ष पूर्व जब उन्हें पता चला कि राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में अंग्रेजी की शिक्षक नहीं हैं तो उन्होंने स्वयं छात्राओं को पढ़ाने का निर्णय लिया। वह भी पूरी तरह सेवा भाव से। इसके अलावा वह छात्राओं को सेना, मेडिकल, बैंक, सिविल सर्विस व इंजीनियरंग की तैयारी के लिए टिप्स भी दे रही हैं। साथ ही उन्हें सामाजिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों में प्रतिभाग करने के लिए भी प्रेरित करती हैं। 

    ऊषा को शिक्षक के रूप में पाकर छात्राएं भी काफी खुश नजर आती हैं। वह पठन-पाठन से जुड़ी समस्याएं उनसे बेझिझक शेयर करती हैं। बीते सत्र में उन्होंने नवीं व दसवीं की छात्राओं को विज्ञान विषय पढ़ाया था। इसके अलावा प्राथमिक विद्यालय रुद्रप्रयाग में भी उन्होंने चौथी व पांचवीं के छात्रों को न सिर्फ गणित, विज्ञान व अंग्रेजी विषय पढ़ाया, बल्कि उन्हें नवोदय विद्यालय व सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा की तैयारी भी कराई। 

    ऊषा कहती हैं कि पहाड़ में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। जरूरत बस उनका मार्गदर्शन करने की है। अगर उनके इस प्रयास से बच्चों को आगे बढऩे में मदद मिलती है तो यह उनके जीवन की महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी। वहीं, बालिका इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्य ममता नौटियाल कहती हैं कि ऊषा के अध्यापन से छात्राओं को काफी लाभ मिल रहा है। वह बेटियों को कॅरियर के प्रति भी जागरूक कर रही हैं। 

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