पंचकेदारों में शामिल हैं तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ, शीतकाल में मक्कूमठ में भक्तजन कर सकेंगे बाबा के दर्शन
तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ में विराजमान हो गए हैं। भक्तों ने उनका भव्य स्वागत किया। कपाट बंद होने के बाद डोली चोपता और भनकुन में रुकी। मक्कूमठ पहुँचने पर जयकारों से क्षेत्र गूंज उठा। अब छह महीने तक यहीं पर दर्शन और नित्य पूजाएं होंगी। इस अवसर पर कई श्रद्धालु उपस्थित थे।

शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ पहुंचने पर भगवान तुंगनाथ की डोली का स्वागत करते श्रद्धालु। जागरण
संवाद सहयोगी, जागरण रुद्रप्रयाग: पंचकेदारों में शामिल तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ में विराजमान हो गए हैं। इस दौरान भक्तों ने भगवान का पुष्प एवं अक्षतों से जोरदार स्वागत किया। अब शीतकाल के छह माह तक यहीं पर नित्य पूजाएं संपन्न की जाएंगी। साथ ही भक्तजन भी यहीं पर भगवान तुंगनाथ के दर्शन कर सकेंगे।
गत गुरुवार को तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बंद होने के बाद पहले दिन डोली रात्रि प्रवास के लिए चोपता पहुंची थी। शुक्रवार को केदार बाबा की डोली अपने दूसरे पड़ाव भनकुन पहुंची।
शनिवार को आचार्य एवं वेदपाठियों ने सुबह आठ बजे भनकुन में भगवान तुंगनाथ की विशेष पूजा अर्चना कर भोग लगाया। ठीक 10 बजे तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ के लिए रवाना हुई।
विभिन्न पड़ावों पर ग्रामीणों ने डोली का पुष्प व अक्षतों से स्वागत किया। राक्षछी नदी पहुंचने पर भगवान तुंगनाथ की डोली एवं भक्तों ने स्नान किया। भगवान तुंगनाथ की उत्सव डोली ने नृत्य कर भक्तों को आशीर्वाद भी दिया।
शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ पहुंचने पर भक्तों के जयकारों से क्षेत्र का पूरा वातावरण गुंजायमान हो उठा। तुंगनाथ की डोली ने मक्कूमठ में मंदिर की तीन परिक्रमा कर डोली को सभामंडप में विराजमान किया गया। सभामंडप में मक्कू के पंचपुरोहितों ने मठाधिपति राम प्रसाद मैठाणी के नेतृत्व में भोग मूर्तियों की पूजा-अर्चना कर आरती उतारी।
ग्रामीणों व भक्तों ने पूजा सामग्री से अर्ग्घ लगाकर क्षेत्र के खुशहाली की कामना की। इसके बाद भोग मूतियों को पुजारियों ने गर्भगृह में विराजमान किया। अब शीतकाल के छह माह तक मर्केटेश्वर मंदिर मक्कूमठ में दर्शन एवं नित्य पूजाएं संपन्न होगी।
इस मौके राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष ऐश्वर्या रावत, ब्लाक प्रमुख पंकज शुक्ला, कनिष्ठ प्रमुख प्रदीप त्रिवेदी, जिपंस प्रीति पुष्पाण, प्रधान सुनीता देवी मैठाणी, क्षेपंस आशीष चौहान, उद्योगपति खुशाल सिंह नेगी, गजेन्द्र चौधरी, पूर्व प्रधान विजयपाल नेगी, मंदिर के प्रबन्धक बलवीर नेगी, चन्द्रमोहन बजवाल, पुजारी प्रकाश मैठाणी, रेवाधर मैठाणी, अतुल मैठाणी, मुकेश मैठाणी, चन्द्रप्रकाश मैठाणी मन्दिर समिति के अधिकारी, कर्मचारी, हक-हकूकधारी सहित सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद रहे।

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