Kedarnath Dham: आपदाओं के साए में भी आस्था रही अडिग, लगा भक्तों का तांता; टूटे रिकॉर्ड
इस साल की केदारनाथ यात्रा कई मायनों में खास रही। बारिश और आपदाओं के बावजूद रिकॉर्ड 17.45 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। खराब मौसम के बावजूद भक्तों का अटूट विश्वास बना रहा। प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए। यात्रा मार्ग पर पुलिस और आपदा प्रबंधन दल तैनात रहे। सरकार सोनप्रयाग से केदारनाथ तक रोपवे का निर्माण कर रही है, जिससे यात्रा और सुगम हो जाएगी।

रिकॉर्ड तोड़ 17.45 लाख श्रद्धालुओं ने किए बाबा केदार के दर्शन. Jagran
संवाद सहयोगी जागरण, रुद्रप्रयाग। इस वर्ष केदारनाथ यात्रा कई मायनों में विशेष रही। लगातार बारिश, कठिन मौसम और आपदाओं की आशंकाओं के बीच भी इस बार यात्रा का हर चरण सुरक्षित और सफल रहा। न केवल यात्रा क्षेत्र किसी बड़ी आपदा से अछूता रहा, बल्कि श्रद्धालुओं की संख्या ने भी लगातार बारिश के बावजूद रिकॉर्ड संख्या में पहुंचे। कठिन परिस्थितियों में भी आस्था अडिग रही।
लगातार वर्षा, मार्गों पर भूस्खलन और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ठंड बढ़ने के बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था डगमगाई नहीं। कठिन मौसम का सामना करते हुए लाखों श्रद्धालु बाबा केदार के दरबार पहुंचे। यह यात्रा वर्ष “आस्था की अडिगता और विश्वास की विजय” का प्रतीक रहा। इस बार का यात्रा वर्ष इस बात का साक्षी बना कि चाहे प्रकृति कितनी भी कठोर परीक्षा ले, श्रद्धालुओं की भक्ति अडिग रहती है। बाबा केदार के धाम में हर मौसम में गूंजती रही “हर हर महादेव” की ध्वनि ने यह साबित कर दिया कि जहां विश्वास है, वहां मार्ग स्वयं बन जाता है।
केदारनाथ यात्रा केवल केदारघाटी के लोगों के लिए मायने नहीं रखती बल्की यह हरिद्वार, ऋषिकेश से लेकर पूरी केदारघाटी व चारधाम यात्रा यात्रा में विशेष महत्व रखती है। चारधामों में सबसे अधिक यात्री केदारनाथ धाम में ही दर्शनों को पहुंचते हैं। इस वर्ष जुलाई से लेकर सितंबर तक के महीने बारिश से भरा रहने के बावजूद बाबा केदार के दर्शन करने वालों की संख्या 17.45 लाख के पार पहुंच गई, तमाम कठियानाईयों के बावजूद श्रद्धालुओं की इस अभूतपूर्व आमद से स्थानीय कारोबारियों को भी बड़ा आर्थिक संबल मिला। यात्रा मार्ग से जुड़े कारोबारियों, महिला समूहों ने इस बार यात्रा सीजन में दो अरब रुपये से अधिक का कारोबार किया।
इस वर्ष प्रशासन ने यात्रा मार्ग पर अभूतपूर्व सुरक्षा और प्रबंधन व्यवस्था की। पुलिस, एनडीआरएफ, आपदा प्रबंधन दल, स्वास्थ्यकर्मी और स्वयंसेवी संस्थाओं ने मिलकर यह सुनिश्चित किया कि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। रुद्रप्रयाग से केदारनाथ तक हर पड़ाव पर मेडिकल और रेस्क्यू टीमें तैनात रहीं, जिससे खराब मौसम के बावजूद यात्रा सुरक्षित ढंग से पूरी हुई।
प्रशासनिक अधिकारियों, पुलिस बल और सेवा संगठनों के समन्वय को लेकर श्रद्धालु भी प्रशंसा करते नजर आए। यात्रा मार्ग पर भीड़ नियंत्रण, सफाई व्यवस्था, यातायात और ठहराव स्थलों पर किए गए सुधारों ने इस बार यात्रा को अधिक व्यवस्थित बनाया। जिलाधिकारी प्रतीक जैन ने केदारनाथ यात्रा के सफल संचालन के लिए यात्रा में जुड़े हर कर्मचारी पुलिस कर्मी व स्थानीय लोगों के सहयोग के लिए धन्यवाद किया।
भविष्य की दृष्टि – रोपवे परियोजना से बढ़ेगी सुविधा
यात्रा को और सुगम बनाने के लिए सरकार ने सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम तक 12.9 किलोमीटर लंबे रोपवे निर्माण की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। यह देश का सबसे लंबा यात्री रोपवे होगा, जिसके अगले छह वर्षों में शुरू होने की उम्मीद है। इससे धाम तक पहुंचना बेहद आसान और सुरक्षित हो जाएगा।
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