Operation Sindoor: चारधाम में दर्शन के साथ श्रद्धालुओं ने लगाए सेना के जयकारे, भारतीय सैनिकों के लिए रुद्राभिषेक
भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव के बीच चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं का भारी उत्साह है। केदारनाथ धाम में ऑपरेशन सिंदूर के तहत तीर्थ पुरोहितों और बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने भारतीय सेना के लिए रुद्राभिषेक किया। यात्रा शुरू होने के 10 दिनों में ही साढ़े चार लाख से अधिक तीर्थयात्री दर्शन कर चुके हैं जिनमें से सबसे अधिक केदारनाथ में हैं। श्रद्धालु दर्शन के साथ सेना के जयकारे भी लगा रहे हैं।
जागरण संवाददाता, देहरादून। भारत-पाकिस्तान के बीच सीमा पर चल रहे तनाव के बीच चारों धाम में जबरदस्त उत्साह है। प्रतिदिन बड़ी संख्या में तीर्थयात्री चारधाम पहुंच रहे हैं और अपने ईष्ट के दर्शन के साथ भारतीय सेना के जयकारे भी लगा रहे हैं। इस कड़ी में शुक्रवार को केदारनाथ धाम में आपरेशन सिंदूर व भारतीय सेना के लिए तीर्थ पुरोहितों और श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने रुद्राभिषेक किया।
यात्रा शुरू होने के 10 दिन के भीतर ही लगभग साढ़े चार लाख तीर्थयात्री चारों धाम में दर्शन कर चुके हैं। सबसे अधिक उत्साह बाबा केदार के दर पर देखा जा रहा है। यहां अब तक 1,87,954 तीर्थयात्री माथा टेक चुके हैं। इस बार चारधाम यात्रा का श्रीगणेश 30 अप्रैल को यमुनोत्री व गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ हुआ था।
दर्शन के लिए पहुंच रहे श्रद्धालु
इसके बाद दो मई को केदारनाथ धाम के कपाट खुले और चार मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ यात्रा ने पूर्णता प्राप्त की। पहले दिन से ही यात्रा में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है, जो निरंतर जारी है। अब तक 4,44,115 तीर्थयात्री चारों धाम में दर्शन कर चुके हैं।
इनमें से 45,772 तीर्थयात्री शुक्रवार को चारधाम पहुंचे। शुक्रवार को गंगोत्री में 9304, यमुनोत्री में 7967, केदारनाथ में 18012 और बदरीनाथ में 10489 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
केदारनाथ पैदल मार्ग पर डंडी कंडी व पिटठू संचालकों ने संभाला मोर्चा
जिला पंचायत रुद्रप्रयाग ने दावा किया है कि केदारनाथ पैदल मार्ग पर सात हजार डंडी-कंडी व पिट्ठू संचालकों ने अपना पंजीकरण कराया है। बड़ी संख्या में यात्री इन साधनों से केदारनाथ दर्शन को पहुंच रहे हैं। इन्फ्लूएंजा वायरस के चलते पशुपालन विभाग ने घोड़े-खच्चरों को आराम का समय दिया है। वहीं, प्रतिदिन 1000 से 1200 श्रद्धालु डंडी- कंडी से धाम पहुंच रहे हैं, जबकि लगभग 1000 डंडी- कंडी एवं पिट्ठू संचालक खाद्य एवं अन्य सामग्री की आपूर्ति में जुटे हुए हैं।
पंजीकृत हैं सात हजार डंडी कंडी और पिट्ठू
अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत रुद्रप्रयाग संजय कुमार ने बताया कि इस वर्ष करीब 7000 डंडी कंडी और पिट्ठू संचालक श्री केदारनाथ धाम यात्रा के लिए पंजीकृत हैं। जिनका संचालन प्रतिदिन हो रहा है, घोड़े- खच्चरों को आराम मिलने के बाद से इनके माध्यम से ही पैदल यात्रा करने में असमर्थ श्रद्धालु केदारनाथ धाम पहुंच रहे हैं। इस कठिन समय में जिला पंचायत की निगरानी में डंडी -कंडी संचालक यात्रा प्रबंधन में अहम जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
वायरस के चलते संचालन प्रभावित
यात्रा मार्ग पर डंडी- कंडी चलाने वाले गणेश सिंह ने कहा कि श्री केदारनाथ धाम यात्रा उनकी आय का मुख्य स्रोत है। इस वर्ष 51 इन्फ्लूएंजा वायरस के चलते घोड़े खच्चरों का संचालन प्रभावित हुआ है और उन्हें लगातार आराम की जरूरत है।
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