आपदा के बाद केदारनाथ यात्रा ने छुई नई ऊंचाइयां, नए-पुराने सारे रिकॉर्ड हुए ध्वस्त
केदारनाथ में आपदा के बाद शुरुआती दो वर्षों में जरूर यात्रियों की आमद सीमित रही लेकिन फिर यात्रा ने नए-पुराने सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए।
रुद्रप्रयाग, बृजेश भट्ट। आपदा के बाद बीते सात वर्षों में केदारपुरी की तस्वीर पूरी तरह बदल चुकी है। हालांकि, इस बार कोरोना संक्रमण के चलते अभी तक यात्रा बंद है, लेकिन बीते वर्ष तक यात्रा ने नई ऊंचाइयों को छुआ है। आपदा के बाद शुरुआती दो वर्षों में जरूर यात्रियों की आमद सीमित रही, लेकिन फिर यात्रा ने नए-पुराने सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए। बीते वर्ष पहली बार दस लाख से अधिक यात्री धाम में दर्शनों को पहुंचे, जो कि यात्रा के इतिहास में अब तक की सर्वाधिक संख्या है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत धाम में पुनर्निर्माण कार्य तेजी से चल रहे हैं। इनमें कई पूरे भी हो चुके हैं।
16 जून 2013 की आपदा ने केदारपुरी में जो तबाही मचाई थी, उसे देखकर लगता ही नहीं था कि निकट भविष्य में यात्रा शुरू भी हो पाएगी। लेकिन, बीते सात वर्षों में जैसे-जैसे केदारपुरी संवरती गई, यात्रा भी नए-नए कीर्तिमान गढ़ती चली गई। आपदा के बाद धाम में जिस तरह बुनियादी सुविधाएं विकसित हुई हैं, वह धाम के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। इसके पीछे एक वजह प्रधानमंत्री का स्वयं पुनर्निर्माण कार्यों की मॉनीटङ्क्षरग करना भी है।
आपदा में केदारनाथ पैदल मार्ग ही नहीं, गौरीकुंड हाइवे भी रुद्रप्रयाग से लेकर गौरीकुंड तक कई स्थानों पर पूरी तरह बह गया था। अब ऑलवेदर रोड के तहत इस हाइवे को बनाया जा रहा है। इसके लिए कटिंग का कार्य पूरा हो चुका है। धाम में यात्रियों के ठहरने को पर्याप्त व्यवस्थाएं जुटाई गई हैं और सात हजार यात्री यहां ठहर सकते हैं। तीर्थ पुरोहितों के लिए भी 210 भवनों का निर्माण कराया गया है। आपदा के बाद भीमबली से केदारनाथ तक दस किमी लंबा नया पैदल मार्ग तैयार किया गया। साथ ही छोटी लिनचोली, लिनचोली, रुद्रा प्वांइट समेत कई छोटे बाजार भी विकसित किए गए। इन स्थानों पर यात्रियों के रहने की सभी व्यवस्थाएं हैं।
आपदा के बाद केदारनाथ यात्रा पर वर्षवार दृष्टि
- वर्ष---------- यात्री पहुंचे
- 2019-----1000021
- 2018-----772390
- 2017-----471235
- 2016-----349123
- 2015-----159340
- 2014-----39500
प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत हुए निर्माण कार्य
- मंदाकिनी नदी पर घाट व चबूतरे का निर्माण
- केदारनाथ मंदिर परिसर में चौड़ीकरण कार्य और मंदिर के सामने दौ सो मीटर लंबे रास्ते का निर्माण
- तीर्थ पुरोहितों के घरों का निर्माण
- 400 मीटर लंबे आस्था पथ का निर्माण
- गरुड़चट्टी को केदारनाथ धाम से जोड़ा गया
- यात्रियों के ठहरने को कॉटेज का निर्माण
- केदारनाथ में अत्याधुनिक सुविधाओं युक्त अस्पताल
जो कार्य अभी होने शेष हैं
- आदि शंकराचार्य की समाधि का निर्माण
- छूटे तीर्थ पुरोहितों के लिए घरों का निर्माण
- गरुड़चट्टी से भीमबली तक पैदल मार्ग का निर्माण
- केदारनाथ मंदिर के पीछे ब्रह्मवाटिका का निर्माण
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बृजेश तिवारी (प्रभारी अपर जिलाधिकारी, रुद्रप्रयाग) का कहना है कि केदारनाथ में यात्रियों के लिए सरकार ने तमाम सुविधाएं जुटाई हैं। धाम में यात्रियों के रहने-खाने की सुविधा है और पैदल रास्ते को भी बेहतरीन बनाया गया है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने जिन योजनाओं का शिलान्यास किया था, उनमें से कुछ का निर्माण पूर्ण हो चुका है और कुछ पर कार्य चल रहा है।
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