चार दिन में शुरू हो जाएगी केदारनाथ पैदल मार्ग पर आवाजाही, मात्र 3 किमी से हटाई जानी है बर्फ
केदारनाथ पैदल मार्ग से बर्फ हटाने का काम तेजी से चल रहा है और अगले चार दिनों में बर्फ हटाकर आवाजाही शुरू हो जाएगी। इस बार रामबाड़ा से लिनचोली तक तीन किमी क्षेत्र में काफी कम बर्फ जमी थी जिसे हटा दिया गया है। लिनचोली से केदारनाथ के बीच पैदल मार्ग पर दो से तीन फीट तक बर्फ है जबकि ग्लेशियर प्वाइंट पर 8-10 फीट तक बर्फ जमी है।

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग। केदारनाथ पैदल मार्ग पर बर्फ हटाने का कार्य जारी है। अब तक रामबाड़ा से लेकर बड़ी लिनचोली से आगे कुबेर गदेरे तक छह किमी हिस्से से बर्फ हटाई जा चुकी है और शेष तीन किमी हिस्से से भी लगभग चार दिन में बर्फ हटा दिए जाने की संभावना है।
इसके बाद धाम में घोड़ा-खच्चर से आवश्यक सामग्री की आपूर्ति शुरू कर दी जाएगी।
चारधाम यात्रा के दौरान खाद्य पदार्थों में न हो मिलावट, रखें ध्यान
हरित चारधाम यात्रा के ‘ईट राइट इंडिया‘ अभियान के तहत हुई कार्यशाला में खाद्य कारोबारियों से मुख्य रूप से फूड वेस्टेज, सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग में कमी लाने तथा कुट्टू के आटे में मिलावट रोकथाम को लेकर विचार-विमर्श किया गया। होटल, रेस्टोरेंट संचालकों को खाद्य संरक्षा संबंधी नियम एवं सरकारी गाइडलाइनों के अनुपालन पर जोर दिया गया।
जिला मुख्यालय में आयोजित बैठक में उपायुक्त एवं स्टेट नोडल आफिसर ‘ईट राइट इंडिया‘ जीसी कंडवाल ने यात्रा सीजन से जुड़े सभी व्यापारियों को सरकार की ओर से जारी निर्देशों का सख्ती से पालन करने को कहा। कहा कि, खाद्य पदार्थों में किसी भी प्रकार की मिलावट न हो, इसका विशेष ध्यान रखा जाए।
उन्होंने कहा कि इन दिनों नवरात्र का समय है इस दौरान लोग कुट्टू के आटे का उपयोग करते हैं और सभी व्यापारी कुट्टू के आटे में मिलावट को रोकने के लिए सतर्क रहें।
कुट्टू के आटे को देखभाल कर ही खरीदें, जिससे आम नागरिकों को कोई दिक्कत ना हो। इसके साथ ही, होटल और रेस्तरां संचालकों को हाइजीन मानकों का पालन करने की सख्त हिदायत दी गई।
जिला अभिहित अधिकारी मनोज कुमार सेमवाल ने बताया कि प्रशासन द्वारा होटल एवं खाद्य कारोबारियों को जागरूक किया जा रहा है। प्लास्टिक कचरे को कम करने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे।
इससे यात्रा मार्गों को स्वच्छ और सुरक्षित बनाया जा सके। बताया कि इस कार्यशाला का उद्देश्य पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखना और यात्रा को अधिक सुरक्षित और स्वच्छ बनाना है।
यह भी पढ़ें: केदारनाथ धाम में दूसरे दिन भी जमकर बर्फबारी, बर्फ से ढके उत्तरकाशी के 30 गांव; गंगोत्री-यमुनोत्री हाईवे बंद
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।