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    फार्मेसिस्ट के भरोसे ऐलोपैथिक चिकित्सालय

    By Gaurav KalaEdited By:
    Updated: Tue, 31 Jan 2017 07:30 AM (IST)

    यहां ग्रामीणों की स्वास्थ्य सुविधा के लिए ऐलोपैथिक चिकित्सालय तो स्थापित है, लेकिन वह भी लंबे समय से फार्मेसिस्ट के भरोसे ही संचालित हो रहा है।

    फार्मेसिस्ट के भरोसे ऐलोपैथिक चिकित्सालय

    रुद्रप्रयाग, [जेएनएन]: रुद्रप्रयाग जनपद में पूर्वी बांगर क्षेत्र के आधा दर्जन से अधिक गांवों में स्वास्थ्य सेवा का बुरा हाल है। यहां ग्रामीणों की स्वास्थ्य सुविधा के लिए ऐलोपैथिक चिकित्सालय तो स्थापित है, लेकिन वह भी लंबे समय से फार्मेसिस्ट के भरोसे ही संचालित हो रहा है। जिससे ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। खास बात तो यह है सड़क होने के बाद भी इमरजेंसी में मरीजों को 108 सेवा का लाभ भी नहीं मिल पाता है।

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    क्षेत्रीय जनता की मांग पर जखोली ब्लाक के बक्सीर बांगर में लगभग दो दशक पूर्व एलोपैथिक चिकित्सालय की स्थापना हुई थी। जिसमें डाक्टर, फार्मेसिस्ट, कक्ष सेवक एवं सफाई कर्मी के एक-एक पद भी सृजित हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से यहां हाल में लगभग एक करोड़ धनराशि से ऐलोपैथिक चिकित्सालय के साथ ही आवासीय भवन का निर्माण भी किया गया।

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    लेकिन स्थापना काल से आज तक यहां डाक्टर की तैनाती नहीं हो सकी। तब से अभी तक यह चिकित्सालय मात्र फार्मेसिस्ट के भरोसे संचालित हो रहा है। जिससे क्षेत्र के डांगी, खोड, भुनालगांव, माथ्यागांव, घंघासू, बेडारू समेत कई गांवों की 15 हजार की आबादी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

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    यहां के ग्रामीणों को छोटी सी बीमारी के लिए 40 किमी दूर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र आना पड़ता है। गुप्तकाशी-छेनागाड-बेडारू मोटरमार्ग तक निर्माण कार्य भी हुआ, लेकिन फिर यहां इमरजेंसी मरीज को ले जाने के लिए गांव तक 108 सेवा नहीं पहुंच पाती है। इस सेवा के लिए ग्रामीणों को 15 किमी दूर छेनागाड़ आना पड़ता है। इसके बाद ही उन्हें 108 सेवा का लाभ मिलता है।

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    वहीं 108 सेवा के कर्मचारी बताते है कि मोटरमार्ग आरटीओ पास न होने से वह वाहन को गांव तक नहीं ला सकते हैं। ग्रामीणों ने इस समस्या के बारे कई बार शासन-प्रशासन एवं संबंधित विभाग को अवगत भी कराया, लेकिन मात्र कोरे आश्वासन न ही मिले हैं। विधान सभा चुनाव के दौरान जनप्रतिनिधि भी यहां मात्र वोट मांगने के लिए आएं, लेकिन क्षेत्र की समस्याओं को लेकर किसी ने भी इस दिशा में कोई आवश्यक पहल नहीं की है।

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    स्वास्थ्य विभाग रुद्रप्रयाग के सीएमओ डा. आरपी बडोनी ने बताया कि जिले में चिकित्सकों की कमी बनी हुई। चिकित्सकों के संबंध में शासन स्तर पर पत्राचार चल रहा है। जैसे ही डाक्टर उपलब्ध होंगे, वैसे ही रिक्त पड़े चिकित्सालय में तैनाती कर दी जाएगी।

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