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    केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्यों में झलकेगी पहाड़ी शैली

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Sat, 09 Dec 2017 10:43 PM (IST)

    केदारनाथ पहुंचे सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने करीब दो घंटे तक पुनर्निर्माण कार्यों का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों में पहाड़ी की शैली की झलक दिखाई देगी।

    केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्यों में झलकेगी पहाड़ी शैली

    रुद्रप्रयाग, [जेएनएन]: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों को लेकर सरकार इस कदर संजीदा है कि पिछले दो माह में दो बार मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और तीन बार मुख्य सचिव उत्पल कुमार कार्यों का निरीक्षण कर चुके हैं। शनिवार को केदारनाथ पहुंचे मुख्यमंत्री ने करीब दो घंटे तक पुनर्निर्माण कार्यों का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों में पहाड़ी की शैली की झलक दिखाई देगी। उनके साथ मुख्य सचिव भी थे।

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    सुबह करीब दस बजे हेलीपैड से मुख्यमंत्री केदारनाथ मंदिर पहुंचे और मंदिर परिसर का निरीक्षण किया। उन्होंने मुख्य सचिव उत्पल कुमार और रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल को निर्देश दिए कि परिसर की लंबाई 16 फीट बढ़ाई जाए। सीएम ने मंदिर से सर्किल प्वांइट तक बन रहे पैदल मार्ग पर पहाड़ी स्लेट (खास तरह का पत्थर) प्रयोग करने को कहा। उन्होंने सरस्वती घाट, मंदाकिनी नदी के तट पर बाढ़ सुरक्षा कार्य, तीर्थपुरोहितों के निर्माणाधीन आवास और मंदिर के पीछे होने वाले सौन्दर्यीकरण का भी जायजा लिया।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले यात्रा सीजन तक श्रद्धालुओं को और बेहतर सुविधाएं मिलने लगेंगी। गौरीकुंड से केदारनाथ तक घोड़े-खच्चर और पैदल यात्रियों के लिए अलग-अलग रास्ते तैयार कराए जा रहे हैं। 

    निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने काम में जुटे श्रमिकों की हौसलाफजाई भी की। उन्होंने अफसरों को कहा कि विपरीत परिस्थितियों में कार्य कर रहे श्रमिकों की हर सुविधा का ध्यान रखा जाना चाहिए।

    जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्य पर्यावरण के अनुरुप किए जा रहे है। साथ ही कार्यदायी संस्था को मंदिर परिसर के पीछे पत्थरों के आस-पास सफाई करने को कहा गया है। निरीक्षण के दौरान रुद्रप्रयाग के पुलिस अधीक्षक पीएन मीना, अधिशासी अभियंता लोनिवि मनोज दास और तहसीलदार रुद्रप्रयाग श्रेष्ठ गुनसोला मौजूद थे।

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