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केदारनाथ में निर्माणाधीन पावर प्रोजेक्ट की जांच के निर्देश

क्षेत्रीय विधायक मनोज रावत की शिकायत पर शासन ने केदारनाथ में निम की ओर से निर्माणाधीन पावर प्रोजेक्ट की जांच बैठा दी है। उरेड़ा निदेशक 15 दिन में इसकी रिपोर्ट देंगे।

By BhanuEdited By: Published: Thu, 30 Nov 2017 08:15 AM (IST)Updated: Thu, 30 Nov 2017 09:07 PM (IST)
केदारनाथ में निर्माणाधीन पावर प्रोजेक्ट की जांच के निर्देश
केदारनाथ में निर्माणाधीन पावर प्रोजेक्ट की जांच के निर्देश

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: केदारनाथ धाम में उरेडा की निर्माणाधीन 200 किलोवाट की अति लघु जलविद्युत परियोजना में गड़बड़ी को लेकर क्षेत्रीय विधायक मनोज रावत की शिकायत पर सरकार ने जांच बैठा दी है। शासन ने उरेडा निदेशक को उक्त मामले की जांच कर 15 दिन में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। 

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क्षेत्रीय विधायक मनोज रावत ने परियोजना का निर्माण कर रही कार्यदायी संस्था निम पर गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए परियोजना के अब तक शुरू नहीं होने के मामले की जांच को लेकर मुख्य सचिव को पत्र भेजा। पत्र में कहा गया कि उक्त अतिलघु परियोजना को 30 नवंबर, 2015 तक पूरा किया जाना था, लेकिन 21 अक्टूबर, 2017 को केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद होने तक यह योजना विद्युत उत्पादन नहीं कर पाई है। 

पत्र में कहा गया कि तीन बार जिस वाल्व के फटने से यह योजना विद्युत उत्पादन नहीं कर सकी, वह वाल्व साधारण लोहे की टोंटी जैसा है। इसे पानी के दाब के मुताबिक डिजायन कर विशेषज्ञ कंपनी के जरिये बनाया जाता है। ऐसा प्रतीत होता है जैसे उक्त वाल्व को किसी साधारण लोहार कंपनी से बनाया गया है। 

योजना के लिए पेन स्ट्रोक का अलाइनमेंट ठीक नहीं है और प्रयोग किए गए पाइपों की वैल्डिंग मानकों के अनुसार प्रतीत नहीं होती है। वैल्डिंग की अल्ट्रासाउंड जांच नहीं की गई। यह जांच विद्युत परियोजनाओं के लिए आवश्यक है। अन्यथा थोड़ी सी लीकेज से शीतल जल के उच्च दाब में यह पाइप फट जाएंगे। 

पत्र में यह भी कहा गया कि इस योजना के लिए शासन अथवा उच्च स्तर से ठेकेदार संस्था निम को एक करोड़ रुपया अग्रिम दिया गया था। विधायक का आरोप है कि निम का व्यवहार गैर जिम्मेदाराना है। उन्होंने मुख्य सचिव से उक्त मामले की जांच के साथ ही राज्य की सेवा में प्रतिनियुक्ति में कार्य कर रहे अधिकारियों व कर्मचारियों को सरकार की आचरण नियमावली के मुताबिक कार्य व व्यवहार करने का आदेश देने की मांग भी की है। 

विधायक की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए सरकार ने जांच के निर्देश दिए हैं। ऊर्जा अपर सचिव रणवीर सिंह चौहान ने विधायक के पत्र में उल्लिखित सभी बिंदुओं का संज्ञान लेते हुए उरेडा निदेशक को 15 दिन में जांच कर रिपोर्ट शासन को देने के आदेश दिए हैं। 

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