केदारनाथ को भव्यतम स्वरूप देने की तैयारी, होंगे ये काम
केदारपुरी के पुनर्निर्माण पर पीएम नरेंद्र मोदी की नजदीकी नजर को देखते हुए सरकार इसे लेकर पूरी गंभीरता और सतर्कता बरत रही है। सरकार केदारनाथ को भव्य रूप देने की तैयारी में है।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: केदारपुरी के पुनर्निर्माण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नजदीकी नजर को देखते हुए राज्य सरकार इसे लेकर पूरी गंभीरता और सतर्कता बरत रही है। इस कड़ी में सोमवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की मौजूदगी में केदारनाथ धाम पुनर्निर्माण योजना का प्रस्तुतीकरण दिया गया।
बताया गया कि पुनर्निर्माण प्लान में केदारपुरी को छह जोन में बांटकर यात्री सुविधाओं, अवस्थापना, स्थानीय तीर्थ पुरोहितों की व्यवस्था आदि को लेकर व्यापक कार्ययोजना तैयार की गई है। प्रारंभिक योजना 20 हजार की फ्लोटिंग और पांच हजार स्थायी जनसंख्या की सुविधा व सुरक्षा को ध्यान में रखकर बनाई जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केदारपुरी के भव्यतम स्वरूप को स्थापित करने को सरकार प्रतिबद्ध है।
केदारपुरी के पुनर्निर्माण के मॉडल प्लान के प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि विद्युत, पेयजल, संचार व सीवर लाइनों समेत सभी अवसंरचनाएं भूमिगत डक्ट में स्थापित की जाएंगी। सीवरेज लाइनें सेंट्रल एक्सेस (मुख्य मार्ग) में नहीं होंगी, बल्कि धाम की बाहरी परिधि से होते हुए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तक जाएंगी।
प्रस्तुतीकरण के अनुसार इस प्लान को सिंचाई, पेयजल, विद्युत, पर्यटन, संचार समेत संबंधित विभाग भी अपने दृष्टिकोण से देखकर फीडबैक देंगे।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि केदारनाथ धाम में मंदिर और आसपास का वातावरण ऐसा होना चाहिए कि तीर्थयात्रियों को जीवन का सबसे बेहतरीन अनुभव प्राप्त हो। यात्रियों के साथ-साथ स्थानीय तीर्थ पुरोहितों, निवासियों सभी की सुविधा का ख्याल रखा जाएगा।
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि मई 2018 तक केदारनाथ में अंडरग्राउंड केबलिंग और अन्य सुविधाएं विकसित करने के हिसाब से तैयारी की जा रही हैं। इस मौके पर प्रमुख सचिव आनंदवर्द्धन, सचिव दिलीप जावलकर (पर्यटन) व अरविंद सिंह ह्यांकी (पेयजल), डीएम रुद्रप्रयाग मंगेश घिल्डियाल, नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के प्राचार्य कर्नल अजय कोठियाल आदि मौजूद थे।

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