PM Modi ने किया आह्वान तो उत्तराखंड की ये वेडिंग डेस्टिनेशन हुई फेमस, हर महीने हो रहीं 100 शादियां
उत्तराखंड सरकार त्रिजुगीनारायण को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में बढ़ावा दे रही है। भगवान शिव और पार्वती के विवाह स्थल के रूप में प्रसिद्ध यह स्थान तेज़ी से लोकप्रिय हो रहा है। हर महीने औसतन सौ से ज़्यादा शादियाँ यहाँ हो रही हैं। प्रधानमंत्री मोदी की अपील के बाद यह स्थल देश-विदेश के जोड़ों के लिए पसंदीदा बन गया है जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिल रहा है।

संवाद सहयोगी जागरण, रुद्रप्रयाग। Trijuginarayan : उच्च हिमालय में स्थित भगवान शिव-पार्वती का विवाह स्थल त्रिजुगीनारायण वैश्विक वेडिंग डेस्टिनेशन के तौर पर उभर रहा है। सनातन परम्पराओं के अनुसार विवाह के लिए बड़ी संख्या में नव जोड़े यहां पहुंच रहे हैं। यहां हर महीने औसतन सौ से अधिक शादियां संपन्न हो रही हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा राज्य में वेडिंग डेस्टिनेशन को बढ़ावा देने का आह्वान किया गया था, जिसके बाद राज्य के साथ ही केदारघाटी में स्थित त्रिजुगीनारायण मंदिर में भी दिखाई दे रहा है। देश विदेश से डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए पहुंच रहे हैं। इससे यहां होटल कारोबारियों से लेकर पंडे पुजारियों, वेडिंग प्लानर, मांगल टीमों और ढोल दमौ वादकों सहित कई अन्य लोगों को काम मिल रहा है।
अप्रैल माह तक हुई यहां करीब 500 शादियां
क्षेत्र की वेडिंग प्लानर रंजना रावत के मुताबिक 07 से 9 मई के बीच सिंगापुर में कार्यरत भारतीय मूल की डॉक्टर प्राची, यहां शादी करने के लिए पहुंच रही हैं। इसके लिए उन्होने जीएमवीएन टीआरएच बुक किया हुआ है। उन्होंने बताया कि इस साल अप्रैल माह तक ही यहां करीब पांच सौ शादियां हो चुकी हैं, जबकि 2024 में कुल छह सौ शादियां ही हुई थी।
कई हस्तियां ले चुकी हैं सात फेरे
उन्होंने बताया कि अब तक यहां इसरो के एक वैज्ञानिक, अभिनेत्री चित्रा शुक्ला, कविता कौशिक, निकिता शर्मा, गायक हंसराज रघुवंशी, यूट्यूबर आदर्श सुयाल, गढ़वाली लोकगायक सौरभ मैठाणी के साथ ही कई जानी मानी हस्तियां सात फेरे ले चुके हैं।
मंदिर के पुजारी सच्चिदानंद पंचपुरी ने बताया कि यहां सनातन मतावलंबियों का विवाह वैदिक परंपराओं के अनुसार सम्पन्न होता है, इसके लिए पहले से रजिस्ट्रेशन होना अनिवार्य है। साथ ही माता-पिता या अभिभावकों की मौजूदगी में ही विवाह समपन्न होता है।
अखंड ज्योति के साथ पग फेरा
उन्होंने बताया कि सात फेरों के लिए मंदिर परिसर में ही वेदी बनाई गई है, इसके बाद अखंड ज्योति के साथ पग फेरा लिया जाता है। इसके अलावा अन्य सभी आयोजन, नजदीकी होटल और रिजॉर्ट में सम्पन्न किए जाते हैं। सीतापुर तक के होटल में अन्य विवाह समारोह भी स्थानीय पुजारियों द्वारा सम्पन्न कराए जाते हैं, इसके लिए दक्षिणा की दरें तय की गई हैं।
त्रिजुगीनारायण में शादी का महत्व
त्रिजुगीनारायण मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है। मान्यता है कि यहां भगवान शिव और देवी पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था। स्वयं भगवान विष्णु ने इस विवाह में देवी पार्वती के भाई (कन्यादानकर्ता) का कर्तव्य निभाया था। मंदिर प्रांगण में एक पवित्र अखंड अग्नि है, मान्यता है कि शिव पार्वती ने इसी अग्नि के सात फेरे लिए थे। मंदिर की बनावट केदारनाथ मंदिर से मिलती-जुलती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बाद, उत्तराखंड में देश-विदेश के लोग डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए पहुंच रहे हैं। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिल रहा है। सरकार उत्तराखंड में डेस्टिनेशन वेडिंग को बढ़ावा देने के लिए हर संभव सहायता दे रही है। देवभूमि उत्तराखंड आपका स्वागत करने के लिए तैयार है। - पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड
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