उत्तराखंड के इस जिले में भालू-गुलदार के आतंक के चलते बदलनी पड़ी स्कूलों की टाइमिंग, DM ने दिए निर्देश
रुद्रप्रयाग जिले में भालू और गुलदार के बढ़ते हमलों को देखते हुए जिला प्रशासन ने स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों के समय में बदलाव किया है। यह फैसला वन्यज ...और पढ़ें

सांकेतिक तस्वीर।
संवाद सहयोगी, जागरण रुद्रप्रयाग: जनपद में लगातार भालू एवं गुलदार के हमलों की घटनाओं को देखते हुए जिला प्रशासन ने छात्र-छात्राओं की सुरक्षा के मद्देनजर विद्यालयों एवं आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन समय में अस्थायी परिवर्तन किया है। इसका उद्देश्य वन्यजीवों की गतिविधियों के दौरान किसी भी प्रकार की जनहानि की आशंका को न्यूनतम करना है।
रुद्रप्रयाग जनपद भौगोलिक दृष्टि से वन क्षेत्रों से आच्छादित एवं मानव-वन्यजीव संघर्ष के प्रति अत्यंत संवेदनशील है।
वर्तमान में शीत ऋतु के कारण दिन की तुलना में रात्रि की अवधि अधिक होने से वन्यजीवों की गतिविधियां प्रातः एवं सायंकाल समय से पूर्व प्रारंभ हो रही हैं। ऐसे में जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में मानव एवं वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं की संभावना बनी हुई है।
वहीं प्रशासन का कहना है की कई विद्यालयों एवं आंगनबाड़ी केंद्रों तक पहुंचने वाले मार्ग वन क्षेत्रों से होकर गुजरते हैं, जिससे छोटे बच्चों, विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं अभिभावकों की सुरक्षा पर खतरा उत्पन्न हो सकता है। इस संभावित जोखिम को दृष्टिगत रखते हुए तथा छात्रहित व सुरक्षा को देखते हुए निर्णय लिया गया है!
जिलाधिकारी प्रतीक जैन ने आपदा प्रबंधन अधिनियम–2005 की धारा–34 की उपधारा (ड) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए आदेश जारी किया है कि जनपद अंतर्गत संचालित समस्त शासकीय, अर्द्धशासकीय एवं गैर-शासकीय विद्यालयों तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों में दिसंबर 2025 की अवधि के दौरान पठन-पाठन कार्य प्रातः 9:15 बजे से पूर्व तथा दोपहर तीन बजे के पश्चात संचालित नहीं किया जाएगा।
मुख्य शिक्षा अधिकारी, रुद्रप्रयाग एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी/बाल विकास अधिकारी, रुद्रप्रयाग को निर्देशित किया गया है कि वे अपने-अपने अधीनस्थ सभी विद्यालयों एवं आंगनबाड़ी केंद्रों में आदेश का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराएं।
जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि किसी भी विद्यालय अथवा आंगनबाड़ी केंद्र में आदेश की अवहेलना पाए जाने पर संबंधित के विरुद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम–2005 की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत आवश्यक विधिक कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन ने अभिभावकों, शिक्षकों एवं जनसामान्य से अपील की है कि बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पूर्णतः पालन करें तथा किसी भी आपात स्थिति में संबंधित विभागों को तत्काल सूचित करें।
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