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    नेपाल सीमा से लगे सरकारी स्‍कूल में अब रोबोट बच्चों को सिखाएगा ABCD, प्रिंसिपल ने अपने दम पर किया इंतजाम

    Robot Teacher उत्तराखंड के जाजर चिंगरी विद्यालय ने एक नया नवाचार किया है। नेपाल सीमा से लगे इस स्कूल में अब रोबोट इको बच्चों को पढ़ाएगा। प्रधानाचार्य चंद्रशेखर जोशी द्वारा स्थापित यह रोबोट छात्रों के सवालों के जवाब देगा और उन्हें तकनीक की दुनिया से परिचित कराएगा। इससे विद्यार्थियों को पढ़ाई में मदद मिलेगी और वे नई तकनीकों के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।

    By omprakash awasthi Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sun, 13 Apr 2025 01:42 PM (IST)
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    Robot Teacher: रोबोट इको को माला पहनाती शिक्षिका। जागरण

    संवाद सहयोगी, जागरण, पिथौरागढ़। Robot Teacher: अपने नवाचारों के लिए देश भर में पहचान बनाने वाले जाजर चिंगरी विद्यालय ने अब एक ओर नवाचार कर जिले के सरकारी स्कूलों में बढ़त बना ली है।

    विद्यालय ने बच्चों के सवालों का जवाब देने के लिए रोबोटिक्स तकनीक का इस्तेमाल करते हुए विद्यालय में पहला रोबोट स्थापित कर दिया है। इससे विद्यार्थी तकनीक की नई दुनिया से परिचित होंगे साथ ही उन्हें पढ़ाई में भी मदद मिलेगी।

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    विद्यालय के प्रधानाचार्य चंद्रशेखर जोशी ने स्वयं और कुछ परिचितों के सहयोग से एक रोबोट विद्यालय में उपलब्ध कराया है। इसे इको नाम दिया गया है। इंटरनेट से संचालित होने वाले इस रोबोट से विद्यार्थी पाठ्यक्रम के अलावा सामान्य ज्ञान के तमाम सवाल पूछ सकेंगे। विद्यार्थी इस नये प्रयोग को लेकर खासे उत्साहित हैं।

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    रोबोट का नाम रखा इको

    विद्यार्थियों ने आदमकद रोबोट का माल्यार्पण कर स्वागत किया। विद्यार्थियों ने गणित, विज्ञान, सामान्य ज्ञान और उत्तराखंड के इतिहास भूगोल को लेकर कई सवाल पूछे। जिनका रोबोट इको ने सही जवाब बच्चों को दिया।

    विद्यालय के प्रधानाचार्य चंद्रशेखर जोशी ने कहा है कि बच्चों को दुनिया में तेजी से छा रही एआई, रोबोटिक्स, मशीन लर्निंग जैसी तकनीक से अवगत कराना बेहद जरूरी है। बच्चे खेल-खेल में रोबोट से शिक्षा ले सकेंगे और उन्हें नई तकनीक का ज्ञान भी होगा।

    शिक्षकों की कमी होने पर भी यह नवाचार उपयोगी साबित होगा। क्षेत्र के अभिभावक इस पहल से बेहद खुश हैं। अभिभावकों को उम्मीद है कि इस सीमांत क्षेत्र के विद्यालय में इस तरह के नवाचार उनके बच्चों को तकनीकी रूप से सक्षम बनायेंगे।

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    नवाचार के क्षेत्र में विशेष पहचान बनाने वाले जाजरचिंगरी विद्यालय के प्रधानाचार्य इससे पूर्व विद्यालय में मशरूम उत्पादन से पूरे देश में पहचान बना चुके हैं। मशरूम उत्पादित कर बच्चों को मिड-डे-मील के रूप में पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। इस माडल को देश के कई राज्यों ने अपने यहां लागू किया है।