इस Holi 'ड्रैगन' मुक्त हुआ बाजार, भारत में बनी चीजों की भरमार; महंगाई के बावजूद जमकर खरीदारी
Holi 2024 इस होली पर बाजार में चीन का सामान नहीं बल्कि भारत में बनी चीजों की भरमार है। पिचकारी से लेकर रंगों तक सब कुछ स्वदेशी है। महंगाई के बावजूद लोगों में खरीदारी का उत्साह देखते ही बन रहा है। बच्चों के मुख्य आकर्षण रहने वाली विभिन्न आकार प्रकार की पिचकारियां भी भारतीय हैं। जानिए इस बार की होली में क्या खास है।
संवाद सहयोगी, जागरण . लोहाघाट । Holi 2024: पर्व चाहे होली हो या दिवाली। बाजार में ड्रैगन का खुमार सिर चढ़कर बोलता है। ड्रैगन यानि चीन निर्मित वस्तुएं। लेकिन इस होली का बाजार ड्रैगन मुक्त है। पिचकारी सहित अन्य वस्तुएं भारत में बनी हुई बिक रही हैं।
चंपावत, लोहाघाट सहित मैदानी क्षेत्र टनकपुर व बनबसा में पिचकारी व रंगों से दुकानें सजी हैं। महंगाई के बावजूद भी लोगों में होली पर्व के चलते उत्साह देखा जा रहा है।
होली का अधिकांश सामान भारत निर्मित
जनपद के पर्वतीय क्षेत्रों में इन दिनों खड़ी होली के बोल गंूज उठे हैं। साथ ही बाजारों में सामानों की खरीददारी को रौनक देखने को मिल रही है। इस बार बाजार में बिक रहा होली का अधिकांश सामान चीन में नहीं बल्कि भारत में निर्मित है। बच्चों के मुख्य आकर्षण रहने वाली विभिन्न आकार, प्रकार की पिचकारियां भी भारतीय हैं।
दुकानों पर बच्चों के साथ बड़े भी होली के त्योहार को लेकर पिचकारियां लेने बाजार पहुंच रहे हैं। बच्चों की सबसे पंसदीदा पिचकारियां स्पाइडरमैन व बेटमेन भी बाजार में उपलब्ध हैं। दुकानदारों का कहना है कि महंगाई के बावजूद भी ग्राहकों में होली पर्व को लेकर खासा उत्साह देखा जा रहा है। लोग सामान की खरीददारी को बजट बढ़ाकर ला रहे हैं। जिससे कि उनकी होली फीकी न रहे।
होली खेलते लोग। जागरण
लोहाघाट बाजार पहुंची लक्ष्मी देवी, सरस्वती देवी, विमल कुमार, सतीश चंद्र, मोहन पांडेय आदि ने बताया कि पिचकारियों सहित होली का अन्य सामान महंगा है, लेकिन बच्चों को खुश करने और होली पर्व उल्लास के साथ मनाने के लिए सामग्री खरीदना जरूरी है।
इधर बाजार में पिचकारी के अलावा मुखौटे व रंग बिरंगे अबीर से सजी दुकानों की रौनक देखते ही बनती है। रेडीमेड कपड़ों की दुकानों पर लोगों की भीड़ लग रही है। हर कोई अपनी पसंद के कपड़े खरीद रहा है। मिठाई व नमकीन की दुकानों की में भी दो दिनों से जबर्दस्त भीड़ उमड़ रही है।
गुजिया बनाने के लिए कच्चा सामान व मेवा की मांग भी खूब है। लोहाघाट के व्यापारी नवीन ओली, हरीश ओली, सूरज सक्सेना, बंटी, उमापित, सतीश खर्कवाल आदि ने बताया कि छरड़ी की होली जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, बाजार में पिचकारियों की मांग भी बढ़ रही है। बच्चे प्लास्टिक की बनी पिचकारियों को ज्यादा खरीद रहे हैं।
पिचकारी व रंगों की वैरायटी सामग्री कीमत (रुपए में)
- पंप पिचकारी 150-400
- स्पाइडरमैन गन 150-300
- सामान्य गन पिचकारी 20-200
- मुखौटे 50-200
- स्प्रे 100-200
- गुलाल आर्गेनिक 05-50 प्रति पैकेट
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