अरे ये क्या? हिमालयी चोटी की बर्फ पिघली, कई अन्य चोटियां भी पड़ गईं काली; कहीं खतरे की घंटी तो नहीं!
Himalayan Peak Snow Melts हिमालय में बर्फ पिघलने की रफ्तार ने चिंता बढ़ा दी है। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित ह्यूंचुली चोटी की बर्फ भी पिघल रही है जिसे लेकर बुजुर्गों का मानना है कि यह कभी नहीं पिघलती। पर्यावरणविदों का कहना है कि यह सब पर्यावरण के साथ छेड़छाड़ का असर है। वहीं पहाड़ों में पाला गिरने से कृषि पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़/धारचूला। Himalayan Peak Snow Melts: विगत कई वर्षों से हिमालय में मौसम चक्र परिवर्तन हो रहा है। समय पर हिमपात नहीं हो रहा है। नवंबर से मध्य जनवरी तक होने वाला हिमपात फरवरी अंतिम सप्ताह से लेकर अप्रैल तक हो रहा है।
जिसके चलते बर्फ जम नहीं पा रही है और हमेशा चमकने वाली चोटियों की बर्फ तेजी से पिघल रही है और चोटियां काली पड़ती जा रही है। मौसम जल्दी मेहरबान नहीं हुआ तो इस वर्ष कुछ मिथक टूटने वाले हैं। जिसमें ह्यूंचुली की बर्फ पिघलना है।
ह्यूंचुली की बर्फ कभी नहीं पिघलती है
पाले से पहाड़ में बढ़ रही ठंड, कृषि पर भी पड़ रहा प्रतिकूल असर
अल्मोड़ा : पिछले करीब तीन माह से वर्षा नहीं होने से पहाड़ में रात्रि में पाला गिरने लगा है। इससे सुबह के समय ठंड में बढ़ोतरी हो रही है। वहीं रबी सीजन में बोई गई फसलों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। शाक-भाजी की पौध भी पाले से प्रभावित हो रही है। ऐसे में फसलों व सब्जियों की बढ़वार पर असर पड़ रहा है।
जिले में वर्तमान में 33,500 हेक्टेयर में गेहूं, जौ, मटर, सरसौं व लाही की फसल बोई गई है। एक तो तीन महीने से वर्षा नहीं होने से रबी की फसल खेतों में समान तौर पर नहीं उग पाई है। वहीं रात्रि को गिर रहा पाला फसलों को प्रभावित कर रहा है। वहीं किसानों की ओर से बोई सब्जियों पर भी पाले की मार पड़ रही है।
धौलादेवी क्षेत्र के जागेश्वर, आरतोला, भगरतोला, डंडेश्वर, लमगड़ा क्षेत्र के मोरनौला, मोतियापाथर, शहरफाटक, जलना, जैंती व भैसियाछाना क्षेत्र के धौलछीना, विमलकोट, पत्थरखानी, जमराड़ीबैंड आदि इलाकों में रात्रि में जमकर पाला गिर रहा है।
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