उत्तराखंड में पड़ी इतनी बर्फ कि ढक गए गांव, जानवरों को नहीं मिल पा रहा चारा; छह की मौत
Snowfall in Uttarakhand उत्तराखंड में भारी बर्फबारी से कुटी गांव में छह जानवरों की मौत हो गई है। चारे की कमी के कारण जानवरों को भूख से जूझना पड़ रहा ह ...और पढ़ें

संवाद सूत्र, जागरण, धारचूला। Snowfall in Uttarakhand: पिछले 10 दिनों से चार फीट बर्फ से ढके कुटी गांव में छह जानवरों की मौत हो गई है। इनमें दो घोड़े और चार झुप्पू शामिल हैं। गांव में दो दर्जन जानवरों पर खतरा मंडरा रहा है। जमीन के बर्फ से ढकी होने के कारण जानवरों के लिए चारा उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। उच्च हिमालय में भारी हिमपात के चलते कैलास मानसरोवर यात्रा पथ का गांव कुटी चार फुट बर्फ से ढका हुआ है।
पिछले 10 दिनों से यहां जमीन नजर नहीं आ रही हैं। गांव में रहने वाले परिवार झुप्पू और घोड़े पालते हैं, जिनके लिए जमा किया गया चारा पिछले 10 दिनों में खत्म हो चुका है। जानवर अपना पेट जमीन की हरी घास से ही करते हैं, लेकिन जमीन इस समय बर्फ से ढकी हुई है। चारे के अभाव में पान सिंह कुटियाल, कृष्ण सिंह कुटियाल, चंचल सिंह कुटियाल और डबासूप्पो कुटियाल के चार झुप्पू की मौत हो गई है।
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सुबोध सिंह कुटियाल के दो घोड़े भी चारे की कमी के चलते मौत का शिकार हो गए हैं। गांव का हाल जानने पहुंचे ग्रिफ कर्मी केदार सिंह और धनपाल सिंह रौंकली को ग्रामीणों ने यह जानकारी दी। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में अभी दो दर्जन जानवर और हैं, इनमें कुछ आसपास के गांव नाबी, रौकंकांग और गुंजी के हैं। इन जानवरों पर भी खतरा मंडरा रहा है। परेशान ग्रामीणों ने जानवरों के लिए अविलंब चारे की मांग की है। ग्रिफ कर्मियों ने घटना तहसील प्रशासन को दे दी है।
उच्च हिमालय में फिर खराब हुआ मौसम
दस दिन बाद खुला कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग
धारचूला: ग्लेशियरों के खिसकने से बाधित कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग बुधवार को वाइब्रेंट विलेज गुंजी तक वाहनों के लिए खुल गया है। मार्ग खुल जाने से ग्रामीणों के साथ ही क्षेत्र में तैनात सुरक्षा बलों को भी राहत मिल गई है। 10 रोज पूर्व मौसम खराब होने से उच्च हिमालय में भारी हिमपात हुआ।
हिमपात के चलते सीति सहित कई स्थानों पर ग्लेशियर खिसक कर कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग में जमा हो गए हैं। मार्ग में जगह-जगह ग्लेशियर जमा हो जाने से मार्ग बाधित था। 10 दिन की मेहनत के बाद सीमा सड़क संगठन ने बुधवार को गुंजी तक सड़क पर जमा बर्फ हटा ली है।
बर्फ हटा लिए जाने के बाद मार्ग में वाहनों का आवागमन भी शुरू हो गया है। सड़क बाधित होने से गुंजी, नाबी, कुटी, रौंककांग, ज्योलिकांग सहित कई गांव अलग-थलग पड़े थे। इन गांवों के लोगों के साथ सुरक्षा बल भी आवागमन नहीं कर पा रहे थे। बुधवार से आवागमन शुरू हो गया है।
स्थानीय निवासी एमएस गुंज्याल ने बताया कि बर्फ हटाने के बाद अब सड़क पर जगह-जगह कीचड़ की समस्या खड़ी हो गई है। चालकों को बेहद सावधानी के साथ वाहन चलाने पड़ रहे हैं। मौसम साफ रहने पर एक दो दिन के भीतर कीचड़ सूखने की उम्मीद है।

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