उत्तर प्रदेश पुलिस ने तैयार की थी दिवाकर भट्ट के एनकाउंटर की योजना, सूझबूझ से हुए थे अंडरग्राउंड
उत्तर प्रदेश पुलिस दिवाकर भट्ट का एनकाउंटर करने की योजना बना रही थी। दिवाकर को इस बात की जानकारी मिली और वह अपनी समझदारी से अंडरग्राउंड हो गए। पुलिस ने उन्हें पकड़ने के लिए बहुत प्रयास किए, लेकिन वे सफल नहीं हो पाए। दिवाकर ने पुलिस से बचने के लिए अपनी पहचान भी बदल ली थी।

पूर्व कैबिनेट मंत्री दिवाकर भट्ट कार्यकर्ताओं के साथ: साभार इंटरनेट मीडिया
मनोहर बिष्ट, जागरण पौड़ी: देवभूमि उत्तराखंड के लिए दिवाकर भट्ट केवल नाम नहीं, बल्कि पृथक राज्य की संकल्पना को साकार रूप देने की अनुपम यात्रा का सबसे सबल योद्धा है।
दिवाकर ऐसे विरले नायक हैं, जिन्होंने राज्य उत्तराखंड का सपना देखने और उसे साकार रूप देने के लिए अपना संपूर्ण जीवन न्यौछावर कर दिया। उनके आंदोलनों की गवाह मंडल मुख्यालय पौड़ी की धरती रही है।
यह वही मंडल मुख्यालय पौड़ी है, जहां से पृथक राज्य उत्तराखंड की मांग को लेकर उठी चिंगारी ने संपूर्ण पहाड़ को एकसूत्र में पिरोया था। उस आंदोलन की एक अहम धुरी दिवाकर भट्ट थे।
राज्य आंदोलन में 7 अगस्त 1994 का दिन वह भी आया, जब यूपी पुलिस ने दिवाकर भट्ट के एनकाउंटर की योजना बनाई। आंदोलनकारियों की सूझबूझ से वह अंडरग्राउंड हो गए।
अपनी विफलता से तिलमिलाई यूपी पुलिस ने रात में आंदोलनकारियों पर बर्बरता से लाठी चार्ज कर दिया। उत्तराखंड राज्य आंदोलन के इतिहास के पन्ने जब-जब पलटे जाएंगे।
उसमें पौड़ी में हुए आंदोलन की भूमिका सबसे अग्रणी रहेगी। दिवाकर भट्ट का निधन होने से संपूर्ण देवभूमि गमगीन है।
उत्तराखंड राज्य आंदोलन के लिए मंडल मुख्यालय पौड़ी में संस्कृति भवन प्रेक्षागृह के ठीक आगे 2 अगस्त 1994 को आंदोलन शुरू हुआ। राज्य आंदोलनकारी अद्वैत बहुगुणा बताते हैं कि मुख्यालय पौड़ी में आंदोलन को तेजी से जन समर्थन मिल रहा था।
हर दिन आंदोलन बृहद स्वरूप ले रहा था।जिसे देख यूपी सरकार उसे तोड़ने के लिए दिवाकर भट्ट के एनकाउंटर की योजना बनाई। इसकी सूचना मिलने पर आंदोलनकारियों ने रणनीति बनाई और दिवाकर भट्ट अंडरग्राउंड हो गए।
जनरल खंडूड़ी कहते थे विदाउट गन, विदाउट सोल्जर का फील्ड मार्शल
पौड़ी: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बीसी खंडूड़ी दिवाकर भट्ट को विदाउट गन, विदाउट सोल्जर का फील्ड मार्शल कहते थे। वरिष्ठ पत्रकार डा. योगेश धस्माना कहते हैं कि पौड़ी में आंदोलन के मुख्य नायकों में एक दिवाकर भट्ट पर जनरल बीसी खंडूड़ी की उक्ति साकार होती है।

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