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    प्रोफेसर को डिजिटल अरेस्ट कर ठगे 1.11 करोड़, मुकदमा दर्ज होने के बाद भी आता रहा ठगों का फोन

    Updated: Mon, 22 Dec 2025 06:53 PM (IST)

    उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में एक प्रोफेसर को साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट कर 1.11 करोड़ रुपये ठग लिए। मुकदमा दर्ज होने के बाद भी प्रोफेसर को ठगों के फो ...और पढ़ें

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    सांकेतिक तस्वीर।

    जागरण संवाददाता, कोटद्वार: कोटद्वार के राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय की वरिष्ठ प्राध्यापिका से हुई 1.11 करोड़ की ठगी के मामले में कोटद्वार कोतवाली पुलिस ने देर रात मामला दर्ज कर दिया। साथ ही जिले की साइबर टीम ने मामले में जांच शुरू कर दी है। इधर, सोमवार को भी साइबर ठग लगातार प्रोफेसर को फोन करते रहे।

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    रविवार शाम कोटद्वार कोतवाली में पहुंची राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय की एक प्रोफेसर ने साइबर ठगी से संबंधित तहरीर पुलिस को दी। बताया कि आठ दिसंबर को उन्हें अज्ञात नंबर से फोन आया।

    फोन करने वाले ने स्वयं को टेलीकाम डिपार्टमेंट बेंगलुरु का कर्मी बताते हुए कहा कि उनके नंबर से 17 युवतियों को गलत मैसेज भेजे हैं, जिसमें से एक युवती ने आत्महत्या का प्रयास भी किया है। उक्त व्यक्ति ने उन्हें बेंगलुरु के इंदिरानगर पुलिस स्टेशन में आने को कहा।

    उनके द्वारा स्वयं को सीनियर सिटीजन बताते हुए बेंगलुरु आने में असमर्थता जताई गई तो उक्त व्यक्ति ने उनका संपर्क एक अन्य व्यक्ति से करवाया, जिसने स्वयं को इंस्पेक्टर बताया। उक्त व्यक्ति ने उन्हें क्वारंटीन होने को कहा और करीब 40 मिनट तक पूछताछ की।

    15 दिसंबर को पुन: उक्त व्यक्ति का फोन आया व उसने बताया कि उनका नाम एक ह्यूमन ट्रैफिकिंग केस के संदिग्धों में शामिल है व उनके नाम से मुंबई के कैनरा बैंक में तीन करोड़ रुपये हैं। उक्त व्यक्ति ने 16 दिसंबर को उन्हें सीबीआइ अधिकारी के समक्ष बैठने की बात की।

    16 दिसंबर को एक महिला ने उन्हें फोन किया और कहा कि उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट से अरेस्ट वारंट जारी होने की बात कही। उनके द्वारा मदद की गुहार लगाने के बाद उक्त महिला ने उनके बैंक खातों के बारे में पूरी जानकारी ली। इसके बाद उक्त महिला ने उन्हें उनके बैंक की एफडी तोड़ कर एक खाते में धनराशि भेजने को कहा।

    उन्होंने उक्त खाते में 37.50 लाख की धनराशि ट्रांसफर कर दी। उक्त महिला ने उन्हें घर से निकल कर बैंक जाने और फिर बैंक से घर वापस आने तक वाट्सएप काल पर रखा। घर वापसी के बाद उक्त महिला ने उन्हें प्रयागराज ( इलाहाबाद) जाकर वहां के खातों को वैरीफाई करने को कहा। वे 17 दिसंबर को प्रयागराज गईं।

    इस दौरान उक्त महिला फोन से उनके संपर्क में रही। प्रयागराज में भी उक्त महिला ने उन्हें क्वारंटीन होने को कहा। साथ ही उनके स्टेट बैंक के खाते से 30.50 लाख, यूनियन बैंक के खाते से 35 लाख रुपये एक खाते में ट्रांसफर करवाए। बताया कि यूनियन बैंक में उनकी बहन प्राइमरी एकाउंट होल्डर हैं, जिनके नाम पर तीन एफडी थी। उक्त महिला ने उन एफडी को भी तुड़वा कर 39 लाख रुपये एक खाते में जमा करवाए।

    तहरीर में कहा कि बैंक से वापस आकर उन्हें फिर क्वारंटीन कर दिया व सुप्रीम कोर्ट की एक वेबसाइट भेज उसे खोलने को कहा गया। उसमें लिखा था कि 64.18 लाख जमा करने पर उनका अरेस्ट वारंट रद होगा। उनके द्वारा इतना पैसा न होने की बात कहने पर उक्त महिला ने रिश्तेदारों धनराशि की व्यवस्था करने को कहा। साथ ही यह भी कहा कि फिलहाल बीस लाख रुपये जमा कर दीजिए।

    इसके बाद उन्होंने अपने भाई से धनराशि देने को कहा, लेकिन भाई के खाते से धनराशि ट्रांसफर नहीं हुई। भाई ने जब उनसे समस्या पूछी तो उन्होंने भाई को पूरी बात बता दी। इसके बाद भाई ने उन्हें बताया कि उनके साथ साइबर ठगी की गई है। तहरीर में कहा गया कि साइबर ठगों ने उनसे एक करोड़ 11 लाख 90 हजार की ठगी की। अपर पुलिस अधीक्षक चंद्रमोहन सिंह ने बताया कि मामले में जांच शुरू कर दी गई है। बताया कि जल्द ही आरोपितों को गिरफ्तार किया जाएगा।

    सोमवार को भी आते रहे फोन

    महाविद्यालय की प्रोफेसर को आठ दिसंबर से 19 दिसंबर तक डिजिटल अरेस्ट करने वाले ठगों के फोन सोमवार को भी आते रहे। प्रोफेसर की ओर से इस संबंध में भी पुलिस को जानकारी दी गई। पुलिस ने अज्ञात नंबर से आने वाली किसी भी काल को रिसीव न करने को कहा।

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