सिस्टम ने फेरा मुंह, तीन साल पुराना मलबा हटाने को लोगों ने थामी कुदाल, पढ़ें पूरी खबर
सिस्टम। दिन में जाने कितनी बार इस सिस्टम को कोसा जाता है। छोटी से लेकर बड़ी दिक्कतों के लिए इसी सिस्टम को गाली दी जाती है।
श्रीनगर गढ़वाल। सिस्टम। दिन में जाने कितनी बार इस सिस्टम को कोसा जाता है। छोटी से लेकर बड़ी दिक्कतों के लिए इसी सिस्टम को गाली दी जाती है। वो दीगर बात है कि सिस्टम कानों में उंगली डाल सब कुछ अनसुना कर देता है। श्रीनगर के लोगों ने भी कई सालों तक सिस्टम के आगे रोना रोया। मगर जब सिस्टम ने हाथ खड़े कर दिए तो लोगों ने हाथों में गैंती-फावड़ा उठाकर मैदान में आ गए।
श्रीनगर के लोगों ने हाथों में कुदाल और गैंती-फावड़ा थामा तीन साल से आइटीआइ भवन में जमे मलबे को हटाने के लिए। ये लोग तीन साल से सिस्टम से इस मलबे को हटाने को आंदोलन कर रहे थे। मगर नतीजा कुछ भी नहीं निकला।
दरअसल जून 2013 में आई आपदा के दौरान अलकनंदा नदी में भीषण बाढ़ आ गई थी। इस बाढ़ में आइटीआइ का भवन मलबे से अट चुका था। इसके बाद 300 प्रशिक्षुओं को तात्कालिक परिस्थितियों में गर्ल्स आइटीआइ में उधारी के कक्षों में शिफ्ट कर दिया गया।
कल श्रीनगर के लोग मलबा हटाने को आगे आए और दस फीट मलबे में दबी आइटीआइ के वर्कशॉप को खाली किया। मलबे में दबी एक मैटाडोर भी बरामद हुई। मलबे में आइटीआइ के अन्य कई वाहन भी दबे पड़े हैं।
श्रमदान अभियान आगे भी जारी रहेगा। इस मौके पर बड़ी संख्या में महिलाओं ने भी श्रमदान किया। इस दौरान कमलेश नैथानी, पालिका सभासद सुधांशु नौड़ियाल व प्रगतिशील जन मंच के अध्यक्ष अनिल स्वामी समेत कई लोग मौजूद रहे।
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