गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी ने सादगी से मनाया जन्मदिन, कहा- युवा पीढी में है शब्द संपदा का अभाव
लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी ने अपना 71वां जन्मदिन सादगी के साथ पौड़ी स्थित पैत्रिक आवास पर सादगी सले मनाया। इस दौरान स्वजनों के साथ पूजा अर्चना कर ईष्ट देवों को भी याद किया।
पौड़ी, जेएनएन। गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी ने अपना 71वां जन्मदिन सादगी के साथ पौड़ी स्थित पैत्रिक आवास पर सादगी सले मनाया। इस दौरान स्वजनों के साथ पूजा अर्चना कर ईष्ट देवों को भी याद किया। नेगी ने कहा कि वर्तमान समय में लोक कला के क्षेत्र में युवा बड़ी संख्या में आ रहे हैं, लेकिन इन युवाओं का ध्यान विषय आधारित न होकर सिर्फ मनोरंजन केंद्रित है। युवाओं के पास शब्द संपदा का अभाव है।
गढ़ रत्न नरेंद्र सिंह नेगी के जन्म दिन के अवसर पर बुधवार को उनके शुभ चिंतकों ने आवास पर पहुंच कर शुभकामनाएं दीं। शहर से बाहर के शुभ चिंतकों ने फोन और सोशल मीडिया के माध्यम से भी उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दी। वहीं, शुभकामनाए देने आवास पर पहुंचे पत्रकारों से बातचीत के दौरान नेगी ने कहा कि वर्ष 1974 में पहली रचना मेरा सदनि इनि दिन रैना के साथ उन्होंने गीत रचना का सफर शुरू किया था। वर्ष 1977-78 में यह सफर रेडियो के साथ सफर आगे बढ़ा। बाद में घर जवैं, कौथिग सहित कई गढ़वाली फिल्मों में भी गीत संगीत दिया।
नरेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि वर्तमान में बड़ी संख्या में युवा लोक संगीत के क्षेत्र में आए हैं, लेकिन इन युवाओं ने अपना दायरा सीमित कर दिया है। समाज की समस्याओं, बुजुर्गों की पीड़ा, पहाड़ बेटी, बहुओं की संवेदनाओं को गीतों के माध्यम से नहीं उठा रहे हैं। उत्तराखंडी सिनेमा पर नेगी ने कहा कि अभी तक उत्तराखंडी में जितनी भी फिल्में बनी हैं, वह भावनाओं के दम पर बनी हैं।
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उत्तराखंडी फिल्म उद्योग को व्यवसाय का आकार अभी तक नहीं मिल पाया है। नेगी ने कहा कि कोरोना काल के दौरान लोक कलाकारों की आजीविका बु़री तरह प्रभावित हुई है। प्रदेश सरकार के संस्कृति विभाग को लोक कलाकारों की मदद के लिए सुझाव दिए गए हैं, जिनमें कलाकारों की आर्थिक मदद मुख्य है। इस अवसर पर नरेंद्र सिंह नेगी की पत्नी ऊषा नेगी, नीलम रावत, दिनेश रावत और खुशहाल सिंह कठैत भी मौजूद रहे।