Gopeshwar: ADM ने की जल संस्थान से STP संचालन में हुए खर्च के दस्तावेज की तलब, कंपनी प्रतिनिधियों ने रखा पक्ष
चमोली में एसटीपी में करंट फैलने से हुई 16 मौतों के मामले की मजिस्ट्रेटी जांच अब अंतिम चरण में है। जांच कर रहे एडीएम ने जल संस्थान से एसटीपी के संचालन को लेकर किए गए भुगतान की रिपोर्ट तलब की है। इधर एसटीपी का संचालन कर रही ज्वाइंट वेंचर कंपनी के प्रतिनिधियों ने एडीएम के कार्यालय पहुंचकर प्रकरण में कंपनी का पक्ष रखा और एसटीपी के संचालन संबंधी दस्तावेज सौंपे।
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: चमोली कस्बे में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में करंट फैलने से हुई 16 मौतों के मामले की मजिस्ट्रेटी जांच अब अंतिम चरण में है। मजिस्ट्रेटी जांच कर रहे एडीएम डा. अभिषेक त्रिपाठी ने बुधवार को जल संस्थान से एसटीपी के संचालन को लेकर किए गए भुगतान की रिपोर्ट तलब की है।
इधर, एसटीपी का संचालन कर रही ज्वाइंट वेंचर कंपनी के प्रतिनिधियों ने एडीएम के कार्यालय पहुंचकर प्रकरण में कंपनी का पक्ष रखा और एसटीपी के संचालन संबंधी दस्तावेज सौंपे। चमोली एसटीपी प्लांट हादसे में प्रत्यक्षदर्शियों, प्रभावितों व अन्य व्यक्तियों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं।
एसटीपी के संचालन को लेकर संबंधित सभी दस्तावेज मांगें
एडीएम ने बताया कि एसटीपी संचालन से संबंधित दस्तावेजों के साथ बयानों का विश्लेषण किया जा रहा है। जल संस्थान से एसटीपी के संचालन को लेकर हुए एग्रीमेंट और खर्च सहित अन्य दस्तावेज मांगे गए हैं।
दो दिन के भीतर रखे गए कर्मचारियों के संबंध में मांगा गया विवरण
एडीएम ने बताया कि 20 जुलाई को एसटीपी का संयुक्त रूप से संचालन कर रही कंपनी जयभूषण मलिक कांट्रेक्टर (पटियाला) व कांफिडेंट इंजीनियरिंग इंडिया प्रा. लि. (कोयंबटूर) को नोटिस भेजकर दो दिन के भीतर एसटीपी के संचालन और वहां रखे गए कर्मचारियों के संबंध में विवरण मांगा गया था।
जिला कारागार में बंद है सुपरवाइजर
बुधवार को पटियाला से कंपनी के तीन प्रतिनिधि चमोली पहुंचे और एडीएम के समक्ष दस्तावेजों के साथ प्रस्तुत हुए। इस दौरान उनके बयान भी दर्ज किए गए। 12 हुई झुलसने वालों की संख्या हादसे में प्लांट का सुपरवाइजर पवन चमोला भी झुलसा था। उसका नाम अब इस सूची में शामिल किया गया है। इसके बाद झुलसने वाले व्यक्तियों की संख्या 11 से बढ़कर 12 हो गई है। पवन चमोला जिला कारागार में बंद हैं। इसी 19 जुलाई को हुए इस हादसे में 16 व्यक्तियों की मौत हो गई थी।
मुआवजा लेने से इंकार
हादसे में झुलसे पवन राठौर ने मुआवजा लेने से इंकार कर दिया है। इस संबंध में वह बुधवार को जिलाधिकारी हिमांशु खुराना के कार्यालय पहुंचे और उन्हें ज्ञापन सौंपकर बताया कि हादसे के वक्त वह भी प्लांट में थे।
वहां करंट से झुलसने के बावजूद उन्होंने अन्य लोगों को अस्पताल पहुंचाने में मदद की। लेकिन, कुछ लोग उनके विरुद्ध इंटरनेट मीडिया पर भ्रामक प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने इस पर रोक लगाने की मांग की। इस दौरान संदीप बर्त्वाल, प्रकाश बर्त्वाल, विनोद राणा, अंकित राणा, अमित मिश्रा भी मौजूद रहे।