Updated: Sun, 19 Jan 2025 08:28 PM (IST)
Uttarakhand Weather उत्तराखंड में 22 और 23 जनवरी को हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी की संभावना है। नैनीताल में ओलावृष्टि और 2500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हिमपात हो सकता है। पश्चिमी विक्षोभ के कारण मौसम में बदलाव आएगा और ठंड बढ़ेगी। मौसम विभाग का पूर्वानुमान सही साबित हुआ तो 23 जनवरी के नगर निकाय चुनावों के मतदान प्रतिशत में भी असर पड़ने की संभावना रहेगी।
जासं, नैनीताल। Uttarakhand Weather: भले ही मौसम इन दिनों मेहरबान है, लेकिन मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार 22 व 23 जनवरी को प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश का असर रहने की संभावना है। नैनीताल में ओलावृष्टि, जबकि ढाई हजार मीटर से ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हिमपात का पूर्वानुमान है।
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मौसम विभाग के राज्य निदेशक डा. बिक्रम सिंह के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने जा रहा है। जिसका अधिक असर 23 जनवरी को प्रदेश के लगभग सभी जिलों में रहने की संभावना है। जिस कारण हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है।
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अधिक ऊंचाई वाले 25 सौ मीटर के ऊपरी क्षेत्रों में हिमपात होने की संभावना है, जबकि नैनीताल सरीखे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ओलावृष्टि होगी। ऊंची चोटियों में हिमपात की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
मौसम में बदलाव आएगा और ठंड में बढ़ोतरी होगी
पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के कारण मौसम में बदलाव आएगा और ठंड में बढ़ोतरी होगी। मौसम विभाग का पूर्वानुमान सही साबित हुआ तो 23 जनवरी के नगर निकाय चुनावों के मतदान प्रतिशत में भी असर पड़ने की संभावना रहेगी।
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नैनीताल में गर्म रहा रविवार
रविवार को नैनीताल में चटक धूप से दोपहर में धूप में बैठना असहनीय हो गया। हल्के बादलों का आना जाना भी पूरे दिन लगे रहा। सूर्यास्त के बाद ठंड पड़नी शुरू हो गई। जिस कारण लोगों को हीटर व आग का सहारा लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। जीआइसी मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार अधिकतम तापमान 20 व न्यूनतम आठ डिग्री सेल्सियस रहा। आद्रता अधिकतम 78 व न्यूनतम 40 प्रतिशत रही।
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जनवरी में तो ऐसी गर्मी कभी न देखी
नैनीताल में जनवरी के महीने ऐसी गर्मी पहले कभी नहीं देखी थी। रविवार को सूर्य की तपिश को लेकर स्थानीय लोगों का यह कहना था। दोपहर में लोग छांव में बैठने को मजबूर हो गए।
आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज के वरिष्ठ वायुमंडलीय विज्ञानी डा. नरेंद्र सिंह का कहना है कि जलवायु में बदलाव के कारण मौसम का मिजाज भी बदलने लगा है। भविष्य में भी मौसम के बदलावों का दौर जारी रहने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता हैं। आद्रता में कमी ने गर्माहट का एहसास बढ़ा दिया है। कम नमी का असर वर्षा में भी देखने को मिल सकता हैं।
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