Ukraine Russia Conflict : यूक्रेन में दोस्तों के साथ मेट्रो के बेसमेंट में छिपी है नैनीताल की आयुषी, खाने को सिर्फ चिप्स के पैकेट
Ukraine Russia Conflict नैनीताल आयुषी जोशी और उसके दोस्तों ने यूक्रेन में रूसी सैन्य हमलों से बचने के लिए मेट्रो के बेसमेंट में छिपे हुए हैं। उन्हेें ...और पढ़ें

किशोर जोशी, नैनीताल : Ukraine Russia Conflict : रूस के अटैक के बाद युद्धग्रस्त यूूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए भारत सरकार समेत दूतावास ने कसरत तेज कर दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बीती रात रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन से वार्ता के सार्थक परिणाम दिखाई देने लगे हैं। यूक्रेन मेें अध्यनरत मेडिकल छात्रों से शनिवार सुबह बस से हंगरी आने को कह दिया गया है, वहां से हवाई मार्ग से उनकी वतन वापसी की संभावना है। यूक्रेन में बम धमाकों की आवाज से छात्र-छात्रा दहशत में हैं और तत्काल उनके वतन वापसी की गुहार लगा रहे हैं।
बिड़ला स्कूल नैनीताल में शिक्षिका मंजू जोशी व कुर्मांचल बैंक में सेवारत विवेक जोशी की बेटी आयुषी जोशी समेत अन्य छात्र-छात्राएं रूसी सैन्य हमलों से बचने के लिए मेट्रो के बेसमेंट में रह रहे हैं। उन्हेें यूक्रेन के सुरक्षा बलों की ओर से कहा गया है कि संदिग्ध नजर आने पर हमला हो सकता है। शिक्षिका मंजू ने बताया कि उनकी सुबह बेटी से बात हुई थी, तब वह साथियों के साथ मेट्रो के बेसमेंट में थी। बेसमेंट में सिग्नल नहीं मिलने के कारण बातचीत बमुश्किल हो गई।
आयुषी यूक्रेन के खार कीव शहर में एमबीबीएस तृतीय वर्ष मेें अध्ययनरत है। उसने स्वजनों को बताया कि अपना बैग व जरूरी सामान लेकर बेसमेंट में है। खाने के लिए सिर्फ चिप्स ही सहारा हैं। फिलहाल खाने का इंतजाम है, लेकिन अधिक नहीं है। यह भी बताया कि बाहर बम धमाकों की आवाज आ रही है। बाहर निकलने से मना किया गया है। आपातकालीन परिस्थिति से निकालने की गुहार लगाई है। आयुषी की मां के अनुसार युद्ध की भयावहता ने चिंता बढ़ा दी है और वह घर में टीवी तक नहीं देख रहे हैं।
आज हंगरी आएगी उर्वशी
पूर्व विधायक डा. एनएस जंतवाल की बेटी उर्वशी ने शुक्रवार शाम चार बजे स्वजनों को मोबाइल पर संदेश भेजा है। उर्वशी की मां प्रो. सावित्री जंतवाल ने बताया कि उर्वशी व उनके साथी शनिवार सुबह बस से हंगरी जाएंगे और उम्मीद है, वहां से विमान से वतन वापसी हो जाएगी। प्रो. जंतवाल के अनुसार उर्वशी व उनके साथियों के पास खाने पीने का सामान भी बहुत कम है।

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