यूसीडीएफ अध्यक्ष रेखा बिष्ट का अनशन जारी, घर जाने को नहीं मिला विभाग का वाहन nainital news
बोर्ड मीटिंग बुलाने को लेकर उत्तराखंड कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन (यूसीडीएफ) की अध्यक्ष रेखा बिष्ट का अनशन दूसरे दिन मंगलवार को भी जारी रहा।
हल्द्वानी, जेएनएन : बोर्ड मीटिंग बुलाने को लेकर उत्तराखंड कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन (यूसीडीएफ) की अध्यक्ष रेखा बिष्ट का अनशन दूसरे दिन मंगलवार को भी जारी रहा। उन्होंने बताया कि अभी तक डेयरी प्रबंध निदेशक का इस मामले को लेकर कोई जवाब नहीं मिला है। एमडी जीवन सिंह नगन्याल कल से निदेशालय में उपस्थित नहीं हैं। स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के बावजूद दूध उत्पादकों के लिए लड़ रही हूं। तब तक लड़ूंगी जब तक न्याय नहीं मिल जाता। वहीं सोमवार को देर शाम घर जाने के लिए ड्राइवर से कहा तो विभाग की ओर से वाहन और ड्राइवर उपलब्ध कराने से इन्कार कर दिया। मजबूरन ऑटो कर घर जाना पड़ा। कहा कि डेयरी विभाग की मनमानी को कतई नई सहेंगे, सुनवाई नहीं होने तक अनशन जारी रहेगा।
डेढ साल में एक बार भी नहीं हुई बोर्ड बैठक
कई दिन से चेतावनी दे रहीं अध्यक्ष रेखा सोमवार को दोपहर यूसीडीएफ व डेयरी निदेशालय के गेट पर दरी बिछाकर अकेले ही अनशन पर बैठ गईं थी। हाथ में क्रमिक अनशन का पत्र थामे रेखा ने कहा कि बोर्ड बैठक के लिए यूसीडीएफ के प्रबंध निदेशक को तीन बार पत्र भेज दिया है। 24 फरवरी को पत्र का जवाब देने की बात कही गई थी, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। आलम यह है कि डेढ़ साल में एक भी बैठक नहीं कराई गई है। यह घोर लापरवाही है। पूर्व में दुग्ध विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धन सिंह रावत ने भी बैठक कराने के निर्देश दिए थे। रेखा का कहना है कि वह मंगलवार को भी सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक क्रमिक अनशन करेंगी। मामले में अगर एमडी ने कोई फैसला नहीं लिया तो वह गैरसैंण में होने वाले विधानसभा सत्र के दौरान भी अनशन करेंगी।
क्या इन मुद्दों से डर रहा विभाग
यूसीडीएफ अध्यक्ष भ्रष्टाचार के मामलों को बोर्ड बैठक में रखने की बात कर रही हैं। चर्चा है कि इस डर से बैठक नहीं कराई जा रही है। कुछ समय पहले नैनीताल सहकारी दुग्ध संघ में बिना टेंडर के राजस्थान से दूध खरीदने, दूध के अधोमानक होने का मामला प्रकाश में आया है। इसे लेकर संघ में खलबली मची हुई है। वहीं जीवन सिंह नगन्याल, एमडी, यूसीडीएफ ने बताया कि मैं फिलहाल विभागीय कार्य से शहर से बाहर हूं। पूर्व एमडी द्वारा अल्पमत होने से बोर्ड बैठक स्थगित कर दी गई थी। वहीं, यूसीडीएफ के पक्ष में फैसला आने पर बोर्ड बैठक कराने का प्रयास किया जा रहा है। शासन की ओर से लीगल ओपिनियन की रिपोर्ट आने पर आगे की कार्यवाही की जाएगी।
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