तीसरे दिन भी अनशन पर डटी यूसीडीएफ अध्यक्ष रेखा बिष्ट, बात तक नहीं कर रहे अधिकारी
डेढ साल में एक भी बोर्ड बैठक न बुलाने के मामले को लेकर यूसीडीएफ अध्यक्ष रेखा बिष्ट का तीसरे दिन भी क्रमिक अनशन पर डटी हुई हैं।
हलद्वानी, जेएनएन : डेढ साल में एक भी बोर्ड बैठक न बुलाने के मामले को लेकर यूसीडीएफ अध्यक्ष रेखा बिष्ट का तीसरे दिन भी क्रमिक अनशन पर डटी हुई हैं। मंगलवार को प्रबंध कमेटी के सदस्यों ने भी उन्हें अपना समर्थन दिया। वहीं विभागीय अधिकारी बात करने तक नहीं पहुंचे। रेखा ने बताया कि पिछले दो साल से लगातार मेरा इलाज चल रहा है। अनशन के दौरान दवा भी छूट गई हुई है। विभागीय अधिकारियों द्वारा सरकारी वाहन तक छीन लिया गया है। जिसके चलते पिछले दो दिनों से ऑटो से घर जाने को मजबूर हूं। डेयरी विभाग के अधिकारियों द्वारा एक महिला तक की बात नहीं सुनी जा रही है। अब तक डेयरी विभाग के एमडी जीवन सिंह नगन्याल ने कोई आश्वासन नहीं दिया है। यहां तक कि अनशन के दिन से ही निदेशालय में नहीं पहुंच रहे हैं। ऐसे में कोई सुनवाई नहीं हुई तो आमरण अनशन करने को विवश होना पड़ेगा।
लंबे समय समय से कर रही हैं बैठक बुलाने की मांग
रेखा बिष्ट लंबे समय से बोर्ड मीटिंग बुलाने की मांग कर रही हैं। लेकिन जब उनकी बात नहीं सुनी गई तो बीते साेमवार को वो यूसीडीएफ व डेयरी निदेशालय के गेट पर दरी बिछाकर अकेले ही अनशन पर बैठ गईं। हाथ में क्रमिक अनशन का पत्र थामे रेखा ने कहा कि बोर्ड बैठक के लिए यूसीडीएफ के प्रबंध निदेशक को तीन बार पत्र भेजा जा चुका है। 24 फरवरी को पत्र का जवाब देने की बात कही गई थी, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। आलम यह है कि डेढ़ साल में एक भी बैठक नहीं कराई गई है। यह घोर लापरवाही है। पूर्व में दुग्ध विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धन सिंह रावत ने भी बैठक कराने के निर्देश दिए थे।
क्या इन मुद्दों से डर रहा विभाग
यूसीडीएफ अध्यक्ष भ्रष्टाचार के मामलों को बोर्ड बैठक में रखने की बात कर रही हैं। चर्चा है कि इस डर से बैठक नहीं कराई जा रही है। कुछ समय पहले नैनीताल सहकारी दुग्ध संघ में बिना टेंडर के राजस्थान से दूध खरीदने, दूध के अधोमानक होने का मामला प्रकाश में आया है। इसे लेकर संघ में खलबली मची हुई है।
यूसीडीएफ एमडी ने कहा, फिलहाल मैं बाहर हूं
जीवन सिंह नगन्याल, एमडी, यूसीडीएफ ने कहा कि मैं फिलहाल विभागीय कार्य से शहर से बाहर हूं। पूर्व एमडी द्वारा अल्पमत होने से बोर्ड बैठक स्थगित कर दी गई थी। वहीं, यूसीडीएफ के पक्ष में फैसला आने पर बोर्ड बैठक कराने का प्रयास किया जा रहा है। शासन की ओर से लीगल ओपिनियन की रिपोर्ट आने पर आगे की कार्यवाही की जाएगी।
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