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    हल्‍द्वानी की सड़क पर दिखी 'The Burning Car', मची चीख-पुकार; हर कोई मदद को दौड़ा तो बच गई छह जिंदगी

    Updated: Sun, 27 Apr 2025 06:56 PM (IST)

    The Burning Car हल्‍द्वानी के चोरगलिया सड़क पर दो कारों में भीषण टक्‍कर हो गई। हादसे में एक व्‍यक्ति की मौत हो गई है। जबकि छह लोग घायल हैं। वहां मौजूद लोगों ने छह लोगों को समय रहते कार से बाहर निकाला। अगर पांच मिनट की भी देरी होती तो घायल कारों के अंदर फंसकर जिंदा जलकर मर सकते थे।

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    The Burning Car: घायलों के बाहर निकलते ही दोनों कारें धूं-धूं कर जल गईं। Jagran

    जागरण संवाददाता, हल्द्वानी। The Burning Car: "जाको राखे साइयां मार सके ना कोई" (जिसके ऊपर भगवान की कृपा होती है, उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकता) चोरगलिया सड़क हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई, लेकिन छह लोगों की जिंदगी राहगीरों की मदद से बच गई। अगर पांच मिनट की भी देरी होती तो घायल कारों के अंदर फंसकर जिंदा जलकर मर सकते थे। क्योंकि घायलों के बाहर निकलते ही दोनों कारें धूं-धूं कर जल गईं।

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    प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार कारों में टक्कर का कारण ओवरस्पीड है। चोरगलिया की तरफ से आ रही आल्टो कार की स्पीड अधिक थी। जिससे चालक पुष्कर गोवाड़ी नियंत्रण खो बैठा। आई-20 कार में टक्कर लगने के बाद कार सवारों में चीत्कार मच गई।

    हर कोई मदद के लिए दौड़ा

    पुष्कर की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि दोनों कारों में सवार मयंक गोवाड़ी, विकास, ऋतु, अनन्या, सूरज व सुरभि गंभीर रूप से घायल हो गए। चोटें इतनी ज्यादा थी कि घायल कारों से बाहर नहीं निकल पाए। इस बीच रास्ते से गुजर रहे लोगों ने अपने वाहनों को रोका और हर कोई मदद के लिए दौड़ पड़े।

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    एक-एक कर दोनों कारों में फंसे बच्चों समेत छह लोगों को बाहर निकाला। तब तक थानाध्यक्ष राजेश जोशी व उनकी टीम भी पहुंच गई थी। सूचना पर पहुंची 108 से सभी घायलों को अस्पताल भेजा गया।

    थानाध्यक्ष राजेश जोशी ने बताया कि पुलिस के पहुंचने से पहले घायलों को कारों से बाहर निकाला जा चुका था। जिससे बड़ा हादसा टल गया। घायल जैसे ही बाहर आए वैसे ही कारों में आग लग गई। आग सबसे पहले आल्टो कार में लगी। इसी कार से आग की लपटें आई-20 कार तक पहुंच गई। दमकल विभाग ने 20 मिनट बाद आग पर काबू पाया।

    सड़क पर थमी रफ्तार, वाहनों की लगी कतार

    हादसे के बाद बीच सड़क पर कारें आग का गोला बन चुकी थी। आग की लपटों को देखकर लोग हैरान थे। हर कोई यही सोच रहा था कि अगर घायल समय से बाहर नहीं आते तो क्या होता। कारों के जलने के बाद सड़क पर वाहनों की रफ्तार थम गई और दोनों तरफ लंबा जाम लग गया। आग बुझने के बाद सड़क पर वाहनों की आवाजाही शुरू हुई। जाम को खुलवाने में पुलिस को भी पसीना बहाना पड़ा।

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    मां को खून से लथपथ देख रोने लगी तीन साल की सुरभि

    हादसे में विकास का पूरा परिवार लहूलुहान हो गया था। मां कार के अंदर अपने पांच साल के बेटे सूरज व तीन साल की बेटी सुरभि के साथ पीछे की सीट पर बैठी थी। अनन्या पिता के संग आगे की सीट पर सवार थी।

    हादसे के बाद घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया, जहां तीन साल की सुरभि मां के सिर व कपड़ों में खून देखकर जोर-जोर से रोने लगी। मां ने हाथ हिलाकर बेटी को कहा मैं ठीक हूं। उपचार के बाद सुरभि को मां के पास लाया गया।