प्रधान बनने के लिए प्रमाण पत्र में की छेड़छाड़, हाई कोर्ट ने ग्राम प्रधान व राज्य निर्वाचन आयोग से मांगा जवाब
हाई कोर्ट ने ग्राम प्रधान के शैक्षणिक प्रमाण पत्रों में छेड़खानी कर गलत शपथ पत्र दाखिल करने से संबंधित मामले में सुनवाई की। मामला ग्राम कुलपी धारा आखरिया टिहरी गढ़वाल का है।
नैनीताल, जेएनएन : हाई कोर्ट ने ग्राम प्रधान के शैक्षणिक प्रमाण पत्रों में छेड़खानी कर नामांकन के साथ गलत शपथ पत्र दाखिल करने से संबंधित मामले में सुनवाई करते हुए ग्राम प्रधान व राज्य निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी कर 25 नवंबर तक जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की एकलपीठ में ग्राम कुलपी धारा आखरिया टिहरी गढ़वाल की लक्ष्मी की चुनाव याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें कहा गया है कि ग्राम प्रधान पद पर विजेता घोषित संगीता की टीसी में जन्मतिथि चार मई 1999, वोटर आइडी में चार मई 1999 जबकि प्रमाण पत्र में यह तारीख बदलकर चार मई 1998 कर दी गई है।
याचिककर्ता का कहना है कि उसकी जन्मतिथि चार मई 1999 है, जिसके अनुसार वह प्रधान पद का चुनाव नहीं लड़ सकती थी मगर उसने प्रमाण पत्र में छेड़खानी कर जन्मतिथि चार मई 1998 कर दी, जिसके आधार पर चुनाव लडऩे के योग्य हो गई। दोनों को चुनाव में 95-95 मत मिले तो रिटर्निग अफसर द्वारा लॉटरी से विजेता घोषित किया गया। याचिका में संगीता की प्रधान पद के निर्वाचन को निरस्त करने व शैक्षणिक दस्तावेजों में हेराफेरी करने के मामले में कानूनी कार्रवाई करने की मांग की गई है।
बागेश्वर जिला पंचायत उपाध्यक्ष का निर्वाचन भी विवाद में
इधर, वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की कोर्ट में बागेश्वर जिला पंचायत उपाध्यक्ष पद पर पराजित घोषित भावना की याचिका पर सुनवाई करते हुए अगली तिथि 25 नवंबर नियत की है। याचिकाकर्ता के अनुसार उन्हें उपाध्यक्ष पद पर दस वोट पड़े थे, उनके पक्ष में पड़े एक वोट को निरस्त कर दिया गया, जिसके बाद उन्हें व विजेता घोषित नवीन परिहार को नौ-नौ वोट मिले। लॉटरी पद्धति से नवीन को विजयी घोषित किया गया।
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