बाजपुर के गांव में मिला चमगादड़ों का कुनबा, अचानक मौजूदगी देख ग्रामीण हैरान
वैश्विक महामारी की वजह बताए जा रहे चमगादड़ों की बाजपुर में अचानक मौजूदगी दिखी है। इससे स्थानीय लोग सहमे हुए हैं। डाक्टरों से सजग रहने की बात कही है।
बाजपुर, जीवन सिंह सैनी : चीन के वुहान शहर से फैले कोविड-19 संक्रमण के बाद चमगादड़ चर्चा में हैं। कुछ वॉयरोलॉजिस्ट चमगादड़ से मानव में कोरोना संक्रमण फैलने की बात कह रहे हैं। उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर जिले के बाजपुर में चमगादड़ों का बड़ा झुंड नजर आया है। अमूमन अंधेरे में रहने वाले ये स्तनपायी चटख धूप में भी हजारों की संख्या में देखे जा रहे हैं। इनकी मौजूदगी स्थानीय लोगों को डराने लगी है। बाजपुर शहर के मोहल्ला केशवनगर का मुंडिया पिस्तौर गांव में सैकड़ों चमगादड़ों का जमावड़ा लगा है। चमगादड़ों ने यूकेलिप्टिस के पेड़ को अपना आशियाना बनाया है। स्थायीय लोग बताते हैं कि पहले यहां चमगादड़ नहीं आते थे। अचानक आए चमगादड़ों से लोग भयभीत हैं।
विशेषज्ञ बोले, चमगादड़ों का जमावड़ा सामान्य नहीं
वन्य जीव विज्ञानी डॉ. अमृतपाल चमगादड़ों के जमावड़े को सामान्य नहीं मान रहे हैं। वह बताते हैं कि चमगादड़ को हम अंधेरे में वास करनेवाला समझते हैं। कुछ फलाहारी और कीटाहारी चमगादड़ शाम के समय शिकार करते हैं। अधिकांश रात में ही सक्रिय होते हैं। यह प्राय: बरगद, गूलर, पीपल अथवा इमली के पेड़ को वास स्थल बनाते हैं। मुंडिया पिस्तौर का मामला कुछ चकित करने वाला है।
शोध : चमगादड़ों के नमूनों में मिला है वायरस
चीन के बाद कोविड-19 को लेकर भारत के वैज्ञानिकों ने देश के चार राज्यों में चमगादड़ों के नमूनों में बैट कोरोना वायरस (बीटी सीओवी) होने की पुष्टि की थी। उनका कहना था कि यह कोरोना वायरस कोविड-19 के सार्स सीओवी-2 से मिलता-जुलता हो सकता है। यह शोध इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च में प्रकाशित हुआ है। डॉ. प्रज्ञा यादव के नेतृत्व में हुए शोध का मकसद यह जानना था कि कोरोना वायरस की प्रजाति के कौन से और वायरस चमगादड़ या अन्य जीवों में मौजूद हो सकते हैं। इस शोध में भारत के 10 राज्यों में मौजूद दो प्रजाति के चमगादड़ों के सैंपल लिए गए थे।
चिंता की तीन प्रमुख वजह : 1-आसपास फलों का बागीचा नहीं 2-अंधेरे की जगह चटख धूप में मौजूदगी 3-चहल पहल के बीच आबादी के करीब
डॉक्टरों ने कहा सजग रहने की जरूरत
बाजपुर सीएचसी के सीएमएस डॉ पंकज माथुर बताते हैं कि चमगादड़ के सीधे संपर्क में आने से वायरस फैलने की आशंका का पता लगाने के लिए उच्चस्तरीय शोध चल रहा है। इस बारे में अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगा। किसी क्षेत्र विशेष में चमगादड़ों की बहुतायत मौजूदगी को देखते हुए लोगों का सजग रहने की जरूरत है।
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