एनएच 74 मुआवजा घोटाला: निलंबित पीसीएस व नायब तहसीलदार भेजे जेल
कोर्ट ने एनएच-74 मुआवजा घोटाला मामले में निलंबित एसडीएम तीरथपाल व नायब तहसीलदार रघुवीर सिंह को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में नैनीताल जेल भेज दिया।
नैनीताल, [जेएनएन]: जिला एवं सत्र न्यायाधीश व विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण सीपी बिजल्वाण की कोर्ट ने एनएच-74 मुआवजा घोटाला मामले में निलंबित एसडीएम तीरथपाल व नायब तहसीलदार रघुवीर सिंह को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में नैनीताल जेल भेज दिया। कोर्ट ने निलंबित एसडीएम के अधिवक्ता के स्वास्थ्य वजहों से हल्द्वानी जेल भेजने के प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया।
सोमवार दोपहर को एसआइटी प्रमुख व एएसपी ऊधमसिंह नगर स्वतंत्र कुमार समेत अन्य की कड़ी सुरक्षा में 2012 में गदरपुर तहसील में तैनात रजिस्ट्रार कानूनगो (वर्तमान में नायब तहसीलदार बेरीनाग) रघुवीर सिंह तथा निलंबित एसडीएम तीरथपाल को शाम साढ़े चार बजे एंटी करप्शन कोर्ट में पेश किया। कई दिनों से एसआइटी की निगाह से बच रहे तीरथ ने सोमवार दोपहर ही एसआइटी के समक्ष समर्पण किया, जबकि नायब तहसीलदार को एसआइटी ने रविवार को बेरीनाग से गिरफ्तार किया।
आरोपित रघुवीर द्वारा ग्राम बरीराई के काश्तकार जरनैल सिंह, करनैल सिंह पुत्रगण सुंदर सिंह, परमजीत सिंह पुत्र जोगेंदर सिंह की कृषि भूमि को बैक डेट पर अकृषि किया। इस रिपोर्ट के आधार पर काश्तकारों को दो करोड़ 39 लाख 38 हजार मुआवजा दिया गया। दूसरे आरोपित बाजपुर व गदरपुर के परगना मजिस्ट्रेट तीरथपाल द्वारा 2013 में ग्राम मडिय़ा रतना के काश्तकार भगवान दास व मीना अग्रवाल के मुआवजा से संबंधित मामले में बैक डेट में कृषि भूमि को अकृषि किया। इस आदेश पर काश्तकार को दो करोड़ 15 लाख से अधिक मुआवजा दिया गया। फोरेंसिक लैब देहरादून की जांच रिपोर्ट में निलंबित एसडीएम तीरथपाल की लिखावट का मिलान की पुष्टि हुई।
घोटाले में अब तक 20 जेल में
करीब पांच सौ करोड़ के एनएच मुआवजा घोटाले में एसआइटी अब तक 20 आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है। सभी आरोपित जेल में हैं और एंटी करप्शन कोर्ट व हाई कोर्ट से उन्हें अब तक जमानत नहीं मिल सकी है। अभियोजन के अनुसार अब तक इस घोटाले में एसडीएम भगत सिंह फोनिया, विकास चौहान,अनिल कुमार, डीपी सिंह, मदन मोहन पलडिय़ा, जीशान, रामसनुज, भोलेलाल, चरण सिंह, ओमप्रकाश, संजय, मोहन सिंह, अनिल शुक्ला, संतराम, अमर सिंह, एनएस नगन्याल, गणेश प्रसाद को गिरफ्तार किया जा चुका है। इसमें एसडीएम, तहसीलदार,चकबंदी अधिकारी, स्टांप वैंडर, तहसीलदार, संग्रह अमीन आदि हैं।
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