Move to Jagran APP

मत्स्य उत्पादन का सबसे बड़ा केंद्र है शारदा सागर जलाशय, जाने इसकी खासियत

मिट्टी से बने एशिया के सबसे बड़े जलाशयों में शुमार शारदा सागर जलाशय मत्स्य उत्पादन का प्रमुख केंद्र बना हुआ है। यहां पर 60 से अधिक प्रजाति की मछलियों का उत्पादन होता है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 08 Jan 2019 11:45 AM (IST)Updated: Tue, 08 Jan 2019 09:19 PM (IST)
मत्स्य उत्पादन का सबसे बड़ा केंद्र है शारदा सागर जलाशय, जाने इसकी खासियत

ऊधमसिंह नगर, जेएनएन : मिट्टी से बने एशिया के सबसे बड़े जलाशयों में शुमार शारदा सागर जलाशय मत्स्य उत्पादन का प्रमुख केंद्र बना हुआ है। यहां पर 60 से अधिक  देशी-विदेशी प्रजाति की मछलियों का उत्पादन होता है। जिसकी वजह से यहां पैदा होने वाली मछलियों की मांग पूरे देशभर में है। यह जलाशय पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के साथ ही उत्तराखंड के राजस्व का स्रोत भी है। हालांकि उत्तराखंड के बड़े हिस्से में डैम पर अवैध कब्जे हो चुके हैं।

loksabha election banner

60 के दशक में हुआ था निर्माण

अविभाजित उत्तर प्रदेश में 60 के दशक में एशिया के सबसे बड़े मिट्टïी के जलाशय का निर्माण कराया गया था। इसकी खासियत यह है कि डैम की दीवारें मिट्टïी से बनी हुई हैं। जो अपनी तरह का एशिया का इकलौता डैम है।

22 वर्ग किलोमीटर में फैला है जलाशय

एशिया का सबसे बड़ा मिट्टïी से बना शारदा सागर जलाशय करीब 22 वर्ग किलोमीटर की परिधि में फैला हुआ है। इस जलाशय का सात किलोमीटर हिस्सा उत्तर प्रदेश के विभाजन के बाद उत्तराखंड के हिस्से में आया। ध्यान देने वाली बात यह है कि उत्तराखंड के हिस्से में आने वाले डैम के बड़े क्षेत्रफल में अवैध कब्जे हो चुके हैं। वहां पर बकायदा बस्तियां बस चुकी हैं।

प्रत्येक तीन वर्ष में होता मछलियों का ठेका

शारदा सागर डैम में प्रत्येक तीन वर्ष में मछलियों का ठेका होता है। वर्ष 2015 से 18 तक मछलियों का ठेका 1.31 करोड़ में हुआ था। अब ठेके की अवधि बढ़ाकर पांच वर्ष कर दी गई है। वर्ष 2018 में यह ठेका 1.50 करोड़ में हुआ है। जो 2023 तक रहेगा। खास बात यह है कि ठेके से मिलने वाले राजस्व का बड़ा हिस्सा क्षेत्रफल के आधार पर उत्तर प्रदेश को मिलता है।

60 से अधिक मछली की प्रजातियां हैं डैम में

शारदा सागर जलाशय में मछली की 60 से अधिक देशी-विदेशी प्रजातियां मौजूद है। इनमें रोहू, कतला, टैगर, सुईयां, नैनी, पकरा, बेकल, पाम आदि प्रमुख हैं। इनकी मांग पूरे देश भर रहती है। यही से देश के अलग-अलग हिस्सों में सप्लाई की जाती है। इसके अलावा स्थानीय स्तर पर भी इस जलाशय की मछलियों की काफी मांग है।

उत्तर प्रदेश-उत्तरखंड सिंचाई विभाग भरता है डैम

शारदा सागर इकलौता ऐसा जलाशय है। जिसमें उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड का सिंचाई विभाग ही पानी भरता है। साथ ही इसको खाली भी करता है। अवैध मत्स्य आखेट रोकने को दोनों प्रदेशों के सिंचाई विभाग के साथ ही ठेकेदार के कर्मचारी भी तैनात रहते हैं।

विदेशी परिंदों की भी पसंद है जलाशय

शारदा सागर जलाशय विदेशी साईबेरियन पक्षियों का खास पसंदीदा स्थल है। अक्टूबर में ठंड शुरू होने के साथ ही साईबेरिया समेत विभिन्न देशों से मेहमान परिंदों का जलाशय में डेरा जम जाता है। जो गर्र्मी शुरु होने पर अपने वतन वापस लौट जाते है।

यह भी पढ़ें : ठिठुरती ठंड में युवाओं की ये टीम भरती है गरीबों का पेट, जानिए इनके बारे में

यह भी पढ़ें : सर्द मौसम के बीच गर्म तासीर वाली पहाड़ी दालों की डिमांड बढ़ी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.