जानिए हल्द्वानी को हिला देने वोले सनसनीखेज पूनम हत्याकांड के बारे में, अब तक नहीं हुआ खुलासा
गोरापड़ाव के चर्चित पूनम पांडे हत्याकांड को अब पुलिस भी भूल चुकी है। दो माह से मामले की जांच ठंडे बस्ते में पड़ी है। पुलिस ने बड़ी उम्मीद के साथ जिस पॉलीग्राफ टेस्ट का करवाया था।
हल्द्वानी, जेएनएन : गोरापड़ाव के चर्चित पूनम पांडे हत्याकांड को अब पुलिस भी भूल चुकी है। दो माह से मामले की जांच ठंडे बस्ते में पड़ी है। पुलिस ने बड़ी उम्मीद के साथ जिस पॉलीग्राफ टेस्ट का करवाया था। उसकी रिपोर्ट अभी तक नहीं मिली है।
26 अगस्त को बदमाशों ने गोरापड़ाव निवासी ट्रांसपोर्टर लक्ष्मी दत्त पांडे के घर में घुसकर बेरहमी के साथ उनकी पत्नी पूनम का मर्डर किया व बेटी अर्शी को अधमरी हालत में छोड़ गए। मामले में हाई कोर्ट के आदेश पर एसआइटी का गठन किया गया। दून से एसटीएफ भी जांच को पहुंची, लेकिन कुछ नतीजा नहीं निकला। जिसके बाद अर्शी समेत तीन लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की अनुमति ली गई। अब इस रिपोर्ट का इंतजार है।
पहली लीड से भटकते ही फिर नहीं मिली लाइन
पूनम पांडे मर्डर के कुछ दिन बाद दून से आए आला अफसरों ने प्रेसवार्ता कर तीन दिन के भीतर खुलासे का दावा किया था। दरअसल, पीडि़त के घर से चोरी स्कूटी रोडवेज से बरामद हुई थी। तब दो संदिग्ध सीसीटीवी में अलग-अलग नजर भी आए। जिसके बाद रोडवेज की बस में दोनों साथ में बैठ गए। रामपुर बस स्टेशन तक उनकी लोकेशन भी आई। जिसमें से एक वहां किसी मर्डर केस में सरेंडर हो गया। पुलिस को लगा कि हल्द्वानी में घटनाक्रम को अंजाम देने के बाद आरोपित बचने के लिए पुराने मामले में सरेंडर हुआ है। धुंधली फोटो लेकर टीम जेल भी पहुंची। तब पुलिस को लगा कि बस मामला खुल चुका है। लेकिन वह बदमाश घटना की रात हल्द्वानी आया था। इसकी तस्दीक नहीं हो सकी। इसके बाद पुलिस को कोई लीड मिली नहीं।
पुलिस को मर्डर की वजह पता नहीं
केस का खुलासा करने के लिए वजह का पता लगना अहम होता है। पुलिस को शुरू में लगा कि हत्या घर में लूट के लिए हुई। पर कोई सामान गायब नहीं हुआ। फिर नजदीकियों पर शक की सुई दौड़ाई लेकिन कोई क्लू नहीं मिला। इन तमाम चीजों ने पुलिस की जांच को भटकाया।
जानिए कब क्या हुआ
- 26 अगस्त को पूनम का मर्डर हुआ।
- 30 अगस्त को खुलासे के लिए 18 टीमों का गठन किया गया।
- 30 सितंबर को अर्शी के होश पर आने पर पूछताछ की कोशिश की गई।
- चार सितंबर को टीमों की संख्या बढ़ाकर 25 कर दी गई।
- चार सितंबर को हाई कोर्ट के आदेश पर एसआइटी का गठन।
चालक-परिचालक व ट्रांसपोर्टर तक उठाए
मामले के खुलासे को लेकर पुलिस ने चालक-परिचालक से लेकर ट्रांसपोर्टरों तक से पूछताछ की। पूनम व अर्शी के दोस्तों व फेसबुक फ्रेंड से भी जानकारी जुटाई। पर कोई क्लू नहीं मिला।
यह भी पढ़ें : क्या आपने उड़ती गिलहरी देखी है? इन वादियों में चले आएं, मिलेगी गर्मी से राहत और उड़ती गिलहरी का नजारा भी
यह भी पढ़ें : जानकर होगी हैरानी, यहां के अस्पताल में तीन साल से इंजेक्शन लगाने के लिए नहीं है सिरिंज