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नंधौर सेंचुरी का दायरा तय, खनन व सिडकुल पर संकट नहीं, गजट नोटिफिकेशन जारी

नंधौर सेंचुरी काे इको सेंसेटिव जोन घोषित करने को लेकर भारत सरकार द्वारा गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 02 Jun 2020 12:44 PM (IST)Updated: Tue, 02 Jun 2020 12:44 PM (IST)
नंधौर सेंचुरी का दायरा तय, खनन व सिडकुल पर संकट नहीं, गजट नोटिफिकेशन जारी
नंधौर सेंचुरी का दायरा तय, खनन व सिडकुल पर संकट नहीं, गजट नोटिफिकेशन जारी

हल्द्वानी, जेएनएन : नंधौर सेंचुरी काे इको सेंसेटिव जोन घोषित करने को लेकर भारत सरकार द्वारा गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। 0.7 किमी से लेकर कुछ जगहों पर 15 किमी तक का दायरा भी रखा गया है। राहत की बात यह है कि खनन व इंडस्ट्री एरिया इको सेंसेटिव जोन से बाहर किया गया है। जिससे रोजगार पर मंडरा रहा खतरा भी दूर हो गया। वन विभाग के मुताबिक राजस्व क्षेत्र के गांव भी इको के दायरे से बाहर रखे गए हैं। हालांकि अब भी आपत्ति व सुझाव को दो माह का समय रखा गया है।

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दिसंबर 2018 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने अन्य राज्यों की सेंचुरी व नेशनल पार्कों का हवाला देते हुए नंधौर सेंचुरी क आसपास के इको सेंसेटिव जोन के बारे में भी सवाल पूछा था। इसे लेकर खनन कारोबारियों से लेकर सितारगंज व खटीमा तक के उद्यमियों की चिंता भी बढ़ गई थी। स्थानीय लोग भी जोन को लेकर असमंजस में थे। जिसके बाद वन विभाग द्वारा नंधौर सेंचुरी का पूरा नक्शा तैयार कर शासन को भेजा गया।

शासन स्तर से इसे मंजूरी के लिए केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को भेजा गया। मजबूत पैरवी के बाद अब इको सेंसेटिव जोन निर्धारण को लेकर गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। वन विभाग के मुताबिक बठौल व बकरियाल नाम के दो गांव पहले से सेंचुरी के अंदर स्थित थे। इन्हें हटाने की बजाय चारों तरफ से सोलर फेसिंग कर वन्यजीव व आबादी के बीच का टकराव रोका जाएगा।

दो जिलों में सेंचुरी का हिस्सा

हल्द्वानी डिवीजन के इस घने जंगल को 2012 में सेंचुरी घोषित किया गया था। नैनीताल, ऊधमसिंह नगर से लेकर चंपावत तक में इसका दायरा है। सेंचुरी करीब 269.95 वर्ग किमी मेें फैली है। बाघ, गुलदार, भालू, हिरण समेत अन्य वन्यजीवों की अच्छी संख्या है। इसके अलावा दुर्लभ वनस्पतियों का संसार भी बसता है।

कई काम होंगे प्रभावित

इको सेंसेटिव जोन तय होने के बाद नई वाणिज्यिक गतिविधियों पर रोक लगेगी। इसके अलावा इको सेंसेटिव दायरे में लोगों की एंट्री भी मनाही होगी। चारे व लकड़ी के चक्कर में लोग अंदर नहीं जा सकेंगे।

डीएफओ त्रिपाठी ने तय किया था ड्राफ्ट

तराई पूर्वी वन प्रभाग के डीएफओ डॉ. नीतिश मणि त्रिपाठी ने शासन के निर्देश पर नंधौर सेंचुरी के इको सेंसेटिव जोन का पूरा प्रस्ताव तैयार किया था। जिसके बाद मुख्य सचिव के समक्ष प्रस्तुत किया गया। केंद्र द्वारा जारी नोटिफिकेशन में प्रस्ताव के अधिकांश बिंदुओं को सही माना गया। वर्तमान में भी डिवीजन व सेंचुरी का चार्ज डीएफओ त्रिपाठी के पास है।

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