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    इस गुरुवार की रात अंतरिक्ष में घटेगी अनोखी घटना, मानो फूटेंगे आसमान में पटाखे; वैज्ञानिकों ने बताई ये वजह

    By Jagran NewsEdited By: Shivam Yadav
    Updated: Tue, 12 Dec 2023 03:29 PM (IST)

    फेथान 524 दिन में सूर्य का एक चक्कर लगाता है। यह सूर्य व बुध के बीच से होकर गुजरता है। पृथ्वी के करीब से गुजरते समय यह ढेर सारे धूल-कण व उल्काओं को धरती के मार्ग पर छोड़ जाता है। जब पृथ्वी उल्काओं के बीच होकर गुजरती है तो यही उल्काएं धरती के वातावरण से टकराने के कारण जल उठती हैं और आतिशबाजी जैसा दृश्य देखने को मिलता है।

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    वैज्ञानिकों का दावा- इस गुरुवार की रात घटेगी अनोखी घटना, मानो आसमान में पटाखे फूटेंगे; जानिए वजह

    जागरण संवाददाता, नैनीताल। इस बार होने जा रही आसमानी आतिशबाजी (उल्कावृष्टि) का दृश्य विशेष रहने वाला है। 14 दिसंबर यानी गुरुवार रात चरम पर रहने वाली इस खगोलीय घटना (जेमिनिड्स मेटियोर शावर) में एक घंटे में 120 से अधिक उल्कावृष्टि देखी जा सकेंगी। यह घटना गुरुवार रात से लेकर भोर से पूर्व तक भारत समेत उत्तरी गोलार्द्ध पर स्थित सभी देशों में देखी जा सकेगी। 

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    आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. शशिभूषण पांडे ने बताया कि यह खगोलीय घटना गुरुवार की रात से शुरू हो जाएगी। यह पृथ्वी के उत्तरी गोला‌र्द्ध की सर्वाधिक आकर्षक खगोलीय घटना है, जिसका खगोल प्रेमियों व विज्ञानियों को इंतजार रहता है। जेमिनिड्स उल्कावृष्टि 3200-फेथान नामक धूमकेतु के मलबे के कारण होती है।

    इस वजह से दिखता है आतिशबाजी जैसा नजारा 

    दरअसल, फेथान 524 दिन में सूर्य का एक चक्कर लगाता है। यह सूर्य व बुध के बीच से होकर गुजरता है। पृथ्वी के करीब से गुजरते समय यह ढेर सारे धूल-कण व उल्काओं को धरती के मार्ग पर छोड़ जाता है। 

    जब पृथ्वी उल्काओं के बीच होकर गुजरती है तो यही उल्काएं धरती के वातावरण से टकराने के कारण जल उठती हैं और आतिशबाजी जैसा दृश्य देखने को मिलता है। 14 दिसंबर को यह उल्कावृष्टि चरम पर रहेगी। 

    जेमिनीड उल्काएं मिथुन तारामंडल से आती हुई प्रतीत होती हैं, जिस कारण इस इसका नाम जेमिनिड्स(मिथुन) से जोड़ा गया है। इसलिए मिथुन तारामंडल की सभी दिशाओं में उल्कावृष्टि नजर आएगी। 

    धूल कणों से भरा है अंतरिक्ष

    हमारा अंतरिक्ष धूल-कणों से भरा हुआ है। जिस कारण जलती उल्काओं को अक्सर देखा जा सकता है। सामान्य अंधेरी रात में किसी अंधेरी जगह से प्रति घंटे 10 उल्कावृष्टि देखी जा सकती हैं। मगर अधिक संख्या में देखने के लिए वर्ष में कुछ ही रातों में यह अवसर मिलता है। उनमें से जेमिनीड शावर की रात सबसे आकर्षक मानी जाती है।

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